बिहार में शराबबंदी कानून के कारण पुलिस अब आलू-प्याज बेचने पर मजबूर, जानिए पूरा मामला!
By एस पी सिन्हा | Updated: January 29, 2022 20:54 IST2022-01-29T20:53:08+5:302022-01-29T20:54:01+5:30
बिहार में शायद यह पहला मामला होगा जब पुलिसिंग के अलावा कई सामान की बिक्री भी बिहार पुलिस के जवानों को करना पड़ेगा. अरवल जिले के कलेर थाना क्षेत्र में लाखों रुपये के आलू हाल के दिनों में जब्त किए गए थे.

पुलिस उनके इरादे पर पानी फेर देती है. शराब के अलावा गाड़ियों पर लदे सामान को भी पुलिस जब्त करती है.
पटनाः बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू कराने में जुटी बिहार पुलिस को अब आलू प्याज बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. ऐसा शराब तस्करों के कारण हो रहा है. राज्य के अरवल जिले में पुलिस को ऐसा करना पड़ रहा है.
दरअसल सोन से सटा होने के कारण शराब की तस्करी के लिए इसे सेफ जोन भी माना जाता है. बिहार में शायद यह पहला मामला होगा जब पुलिसिंग के अलावा कई सामान की बिक्री भी बिहार पुलिस के जवानों को करना पड़ेगा. अरवल जिले के कलेर थाना क्षेत्र में लाखों रुपये के आलू हाल के दिनों में जब्त किए गए थे.
पुलिस का कहना है कि आलू को नीलाम कर उससे मिलने वाले पैसे सरकारी कोष में जमा किए जाएं. दरअसल, बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बाद शराब माफिया पुलिस से बचने के लिए नए नए तरीके तलाशते है. कभी आलू के जरिये तो कभी प्याज के जरिए. कभी एंबुलेंस तो कभी दूध और गैस सिलेंडर की आड़ में शराब छिपाकर लाते हैं.
लेकिन पुलिस उनके इरादे पर पानी फेर देती है. शराब के अलावा गाड़ियों पर लदे सामान को भी पुलिस जब्त करती है. वहीं अब जब्त वाहनों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू है. साथ ही उनकी सामग्री की नीलामी का फैसला भी लिया गया है जो तुरंत खराब होने वाली हैं. जिस वजह से अरवल पुलिस जब्त आलू की नीलामी करने जा रहे रही है.
इस नीलामी से मिली राशि सरकारी कोष में जमा कराई जाएगी. यह बिहार के लिए पहला मामला होगा. जहां आलू-प्याज को भी नीलामी करना पड़ रहा है. बकायदा इसके लिए जिलाधिकारी जे. प्रियदर्शिनी की ओर से निर्देश भी जारी किया गया है. उल्लेखनीय है कि बिहार में पिछले 6 साल में 3 लाख से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं, लेकिन सिर्फ 1200 लोगों को सजा मिली है.