बिहार में पुलिस के दामन पर लगे दाग, घूसखोरी और अपराधियों के साथ सांठगांठ के आरोप में पुलिसकर्मी हुए गिरफ्तार
By एस पी सिन्हा | Updated: July 21, 2019 17:36 IST2019-07-21T17:36:37+5:302019-07-21T17:36:37+5:30
बिहारः लूट की रकम को लुटेरों ने घटना के महज 20 मिनट में बांट लिया था. खास बात कि पुलिस ने उन लुटेरों को घूस लेकर छोड़ भी दिया.

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बिहार में इन दिनों पुलिस को अपने दामन पर लग रहे दाग को छुड़ाने में पसीना छूटने लगा है. एक ओर जहां अपराधी लूट की घटनाओं को अंजाम देने में मशगूल हैं तो दूसरी ओर पुलिस लुटेरों को निशाना बना कर लुटे हुए पैसे से अपनी जेब भरने में मशगूल दिखने लगे हैं. इसी कड़ी में पुलिस को अब अपने हीं पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार करना पड़ा है. बेउर थानाअध्यक्ष सहित पांच पुलिसकर्मी को गिरफ्तार किया गया है.
बताया जाता है कि पांच दिन पहले लुटेरों ने इस घटना को अंजाम दिया था. इसमें जब खुलासा हुआ तो यह जानकारी पाकर वरीय पुलिस अधिकारी सन्न हो गए. लूट की रकम को लुटेरों ने घटना के महज 20 मिनट में बांट लिया था. खास बात कि पुलिस ने उन लुटेरों को घूस लेकर छोड़ भी दिया.
पटना के वरीय पुलिस अधिकारी ने इसे गंभीरता से लिया और कड़ी कार्रवाई करते हुए पटना के बेऊर थाने के थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है. प्रवेश भारती बेउर के थानाअध्यक्ष हैं.
सभी पुलिसकर्मियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. नौबतपुर में हुए 18 लाख की लूट मामले में भी बड़ी कार्रवाई की गई है. पुलिसकर्मियों पर पैसे लेकर छोड़ने का आरोप है. साथ ही एक प्राइवेट ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया गया है.
मामले का खुलासा होने के बाद डीआईजी सेन्ट्रल रेंज राजेश कुमार ने बेउर थानाध्यक्ष प्रवेश भारती, दरोगा सुनील चौधरी, एएसआई विनोद कुमार और होम गार्ड के दो जवान कृष्ण मुरारी, और बिनोद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया साथ ही गश्ती दल के प्राइवेट चालक की मिलीभगत होने पर उसके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर मामले की. जांच के एएसपी दानापुर को जिम्मा सौंपा गया है और अन्य अपरधियों की गिरफ्तारी के लिए छपेमारी जारी है।
बताया जाता है कि 15 जुलाई की देर रात नौबतपुर थाना क्षेत्र के गोआए गांव के पास दो बाइक पर सवार बदमाशों ने कैश मैनेजमेंट कंपनी की पिकअप वैन लूट ली थी, जिसमें 18.41 लाख रुपये के सिक्के थे. सिक्के दस, पांच और दो रुपये के थे. उसी रात बेउर थाने की गश्ती पुलिस ने पिकअप वैन को रोक लिया था, जिसमें सुधीर उर्फ सोनू, पप्पू, पटू समेत दो अन्य लुटेरे शामिल थे. सुधीर चालक था. उसने लाइनर की भूमिका अदा की थी.
गश्ती पुलिस सभी को थाने पर लेकर गई. थानाध्यक्ष भी पहुंचे. सौदा डेढ़ लाख रुपये में तय हुआ. इसके बाद उन्होंने सुधीर उर्फ सोनू को पिकअप वैन के साथ छोड़ दिया. अन्य तीन आरोपितों को एक दिन तक बंधक बनाकर रखा. उनसे भी मोटी रकम वसूली और रिहा कर दिया. छूटने के बाद चालक ने मनगढंत कहानी रची और मसौढ़ी से पुलिस को कॉल कर बताया कि लुटेरे सिक्का लूटने के बाद उसे यहां छोड गए.
इसके बाद शुक्रवार की रात पुलिस ने चार बदमाशों को दबोचने के बाद सुधीर को पकड़ लिया. उसने रिश्वतखोरी की पूरी कहानी बयां कर दी. इसके बाद पूछताछ के लिए शनिवार की रात बेउर थानाध्यक्ष और गश्ती दल को बुलाकर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया. कार के साथ दो लाख मूल्य के लूटे गए सिक्के भी बरामद किए गए हैं. थाने का निजी चालक भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नौबतपुर के गवाय मोड के पास रेडिएंट कैश मैनेजमेंट सर्विस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के 18.41 लाख के सिक्के लूटने के मामले में पिकअप वैन के चालक सुधीर कुमार ने ही बदमाशों का साथ दिया था.
वारदात को अंजाम देने के लिए सात बदमाश दो कारों में सवार होकर पहले से ही मोड़ पर खड़े थे. बदमाशों ने पिकअप वैन में सिक्कों के साथ सवार रिस्क मैनेजर महेश प्रसाद, चालक सुधीर और खलासी राजू को पिस्टल के बल पर बंधक बना लिया.
महेश को चालक की मिलीभगत का अहसास न हो, इसके लिए पप्पू और पिंटू ने चालक की पिटाई की थी. फिर सिक्कों से भरी पिकअप वैन में ही चालक, मैनेजर और खलासी के हाथ पैर बांधकर मसौढ़ी के नूरा की तरफ ले गए और वहीं सड़क किनारे फेंक दिया. कुछ दूर आगे बढने पर पिकअप वैन में लोड 53 पैकेट सिक्कों का बंटवारा कर दिया. इसमें कार में सवार पप्पू, पटू सहित दो अन्य को करीब दो लाख रुपये के सिक्के मिले थे.