बिहार: दिव्यांग लड़की से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा, जुर्माना भी लगाया
By एस पी सिन्हा | Updated: October 1, 2021 16:19 IST2021-10-01T16:02:34+5:302021-10-01T16:19:56+5:30
बिहार के दरभंगा जिले की रेप की ये घटना तीन साल पुरानी है. इसमें मामले में अब कोर्ट का फैसला आया है.

दुष्कर्म के दोषी को आजीवन कारावास (फाइल फोटो)
पटना: बिहार में दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी संदीप राय को अनुसूचित जाति की एक दिव्यांग नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के दोष में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
दरभंगा के विशेष न्यायाधीश विनय शंकर ने इस अपराध के मामले में सुनवाई करते हुए पॉस्को एक्ट के तहत संदीप राय को दोषी करार देते हुए 25 वर्ष सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये अर्थदंड लगाने का फैसला सुनाया.
प्राप्त जानकारी के अनुसार अदालत ने धारा 6 पॉस्को एक्ट के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास व 50 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 3 (2) एससी-एसटी एक्ट में उम्रकैद व 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर छह-छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.
विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार पराजित के अनुसार धारा 42 पॉस्को एक्ट के अनुपालन में भादवि की धारा व पॉस्को एक्ट की समतुल्य धारा में से केवल उसी धारा में सजा बहाल रहेगी, जिसमे सजा की मात्रा अधिक होगी. इसलिए केवल धारा 376 (3) भादवि व 3 (2) एस-सीएस टी एक्ट की सजा बहाल रहेगी.
साथ ही दप्रस की धारा 357 अ, पॉस्को नियम व बिहार पीड़ित प्रतिकर (संशोधन) स्कीम 2018 के तहत पीड़िता के पुनर्वास के लिए छह लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया गया है, जो उसे स्थानीय जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा भुगतान किया जाएगा.
तीन साल पहले की है रेप की घटना
उल्लेखनीय है कि घटना 18 अक्टूबर 2018 की शाम सात बजे की है. उस वक्त अनुसूचित जाति की दिव्यांग नाबालिग लड़की अपने गांव में शौच के लिए खेत में गई थी, उस समय अभियुक्त संदीप राय ने उसका हांथ-पैर बांधकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था.
पीड़िता के घर लौटने में विलंब होने पर उसकी मां और भाभी खोजने के लिए गई तो उन्होंने वहां अभियुक्त व पीड़िता को देखा. इस संबंध में कुशेश्वरस्थान थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी.
न्यायालय में पुलिस अनुसंधानक द्वारा अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र समर्पित करने के बाद तीन मई 2019 को संज्ञान लिया गया। 11 जुलाई 2019 को न्यायालय में अभियुक्त के विरुद्ध आरोप गठन किया गया. अभियुक्त को न्यायालय ने गत 23 सितंबर को दोषी करार दिया था.