बिहार में रिश्वत लेते रंगे हांथों पकड़े गए घूसखोर डॉक्टर और हेड क्लर्क, पूछताछ जारी, डेढ़ लाख रुपए बरामद
By एस पी सिन्हा | Published: April 7, 2021 07:51 PM2021-04-07T19:51:36+5:302021-04-07T19:52:36+5:30
बिहार का मामलाः निगरानी की टीम ने प्रभारी डॉक्टर के पास से घूस लेते डेढ़ लाख रुपए बरामद किया है. जबकि हेड क्लर्क राजेन्द्र सिन्हा के पास से 30 हजार बरामद किया है.
पटनाः बिहार के खगड़िया जिले में निगरानी विभाग की टीम ने आज गोगरी पीएचसी प्रभारी डॉक्टर एससी सुमन और सदर अस्पताल के हेड क्लर्क राजेन्द्र सिन्हा को घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.
दोनों ही कार्रवाई एक परिचारिका(नर्स) की लिखित शिकायत के बाद की गई. निगरानी की टीम ने प्रभारी डॉक्टर के पास से घूस लेते डेढ़ लाख रुपए बरामद किया है. जबकि हेड क्लर्क राजेन्द्र सिन्हा के पास से 30 हजार बरामद किया है. निगरानी विभाग की एक टीम ने पहले गोगरी रेफरल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी के आवास पर छापेमारी की.
जहां चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर एससी सुमन 1.50 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किए गए. निगरानी विभाग की दूसरी टीम ने सिविल सर्जन कार्यालय के प्रधान लिपिक के आवास पर छापा मारा. यहां प्रधान लिपिक राजेन्द्र सिन्हा 30 हजार रुपए घूस लेते गिरफ्तार किए गए. इन दोनों मामलों में कार्रवाई तब की गई जब गोगरी पीएचसी की परिचारिका रूबी कुमारी ने लिखित शिकायत की थी.
टीम ने इस शिकायत का पहले सत्यापन किया फिर कार्रवाई में जुट गई. निगरानी विभाग के पुलिस उपाधीक्षक सर्वेश कुमार सिंह के मुताबिक गोगरी रेफरल अस्पताल के परिचारिका रूबी देवी का रुका हुआ वेतन जारी कराने को लेकर रेफरल अस्पताल के चिकित्सा प्रभारी और प्रधान लिपिक ने रिश्वत का मांग की थी. रूबी कुमारी का अगस्त 2020 से फरवरी 2021 तक का वेतन किसी कारण रुका हुआ है.
इसी वेतन को जारी कराने को लेकर दोनों ने रिश्वत की मांग की थी. इसके बाद निगरानी के डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई थी और जैसे ही दोनों ने घूस की राशि ली निगरानी ने इन्हें दबोच लिया. निगरानी की टीम इनसे पूछताछ कर रही है. बताया जाता है कि नर्स रूबी के वेतन भुगतान के एवज में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने दो लाख मांगा था. जबकि हेड क्लर्क ने 50 हजार मांगा था.
हालांकि नर्स रूबी के अनुरोध पर हेड क्लर्क 30 हजार रुपये में मान गया था. शिकायत की सत्यापन होने के बाद निगरानी की दो टीम बनाई गई. दोनों टीमों में 11-11 सदस्य थे. दोनों टीम में चार-चार वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
निगरानी की दो अलग-अगल टीम ने पहले प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के आवास पर छापेमारी की. इसके बाद सिविल सर्जन कार्यालय के हेड क्लर्क के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर पहुंची. जैसे ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और हेड क्लर्क ने रुपया लिया वैसे ही धावा दल ने दोनों को दबोच लिया.