बिहार: महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में राजद नेता समेत पांच को 7 साल की सजा, जानें क्या था पूरा मामला
By एस पी सिन्हा | Updated: December 1, 2018 10:14 IST2018-12-01T10:14:17+5:302018-12-01T10:14:17+5:30
इस मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव दोनों ने बिहार नीतीश कुमार सरकार की जमकर आलोचना की थी, अब इस केस में उन्ही के नेता दोषी पाए गए हैं।

बिहार: महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में राजद नेता समेत पांच को 7 साल की सजा, जानें क्या था पूरा मामला
बिहार के भोजपुर जिले के बिहिया बाजार में एक महिला को निर्वस्त्र कर घुमाने के साथ आगजनी, तोडफोड और दंगा फैलाने के मामले में दोषी करार दिये गये सभी आरोपितों को आज सजा सुनाई गई। पीडित महिला को निर्वस्त्र करने के मामले में राजद नेता किशोरी यादव समेत पांच दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई। दोषियों में 5 को 7 साल की सजा सुनाई गई है, जबकि 15 को 2 साल की सजा दी गई है। कोर्ट ने 28 नवम्बर को मामले की सुनवाई करते हुए सभी 20 आरोपियों को दोषी करार दिया था।
मामले में कुल 22 आरोपियों पर दर्ज हुआ था केस
इनमें से पांच को महिला के कपडे उतार कर निर्वस्त्र करने और 15 आरोपियों को दंगा फैलाने और मारपीट का दोषी माना है। इन्हें कुछ ही देर में सजा सुनाई जाएगी। मामले में सभी आरोपियों की सजा को लेकर बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश रमेश चंद्र द्विवेदी की कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था और फैसला सुरक्षित रखा था। मामले में कुल 22 आरोपियों पर केस हुआ था। इनमें एक आरोपी जुवेनाइल था और एक फरार चल रहा है। वहीं, अन्य 15 दोषियों को आगजनी, तोडफोड और दंगा फैलाने के मामले में दो-दो साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही अदालत ने सभी आरोपितों को दो-दो हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत तीन महीने में आया फैसला
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भोजपुर जिले के बिहियां के बाजार में एक महिला को निर्वस्त्र करने के मामले में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एससी/एसटी के विशेष न्यायाधीश आरसी द्विवेदी की अदालत ने दोषियों को सजा सुनाई। बता दें कि बीते 28 नवंबर को मामले की सुनवाई के बाद सभी 20 आरोपितों को दोषी करार दिये जाने के बाद सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 30 नवंबर की तिथि तय कर दी गई थी। मामले में स्पीडी ट्रायल के तहत तीन माह और आठ दिनों बाद अदालत का फैसला आया है।
महिला को निर्वस्त्र कर बाजार में घुमाया गया था
उल्लेखनीय है कि इसी साल 20 अगस्त को बिहियां में एक युवक की मौत के बाद शक के आधार पर एक दलित महिला को निर्वस्त्र कर बाजार में घुमाया गया और महिला के साथ मारपीट भी की गई थी। मृतक युवक की पहचान विमलेश साव के रूप में हुई थी और भीड़ को शक था कि महिला की भी हत्या में संलिप्तता है। आक्रोशित ग्रामीणों ने बीच बाजार में महिला को निर्वस्त्र कर पीटना शुरू कर दिया।
महिला ने रो-रो कर अपने को बेगुनाह बताया लेकिन आक्रोशित ग्रामीणों ने उसकी एक ना सुनी। शव मिलने से नाराज ग्रामीणों ने जमकर उत्पात मचाया था और बिहियां की कई दुकानों और वाहनों में आग लगा दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस के साथ भी लोगों की झड़प हुई थी।