बिहारः जेल में बंद सारे शराबी जल्‍द ही होंगे बाहर!, केस भी होगा बंद, जुर्माना देकर छूट सकते हैं, जानिए क्या है गाइडलाइन

By एस पी सिन्हा | Published: April 6, 2022 05:45 PM2022-04-06T17:45:49+5:302022-04-06T17:46:43+5:30

कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष समर्पण प्रपत्र दाखिल करना होगा. पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने या जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर उनको 30 दिन तक जेल में रहना पड़ेगा.

Bihar All liquor consumers in jail will come out soon case also be closed released paying fine Nitish government decision | बिहारः जेल में बंद सारे शराबी जल्‍द ही होंगे बाहर!, केस भी होगा बंद, जुर्माना देकर छूट सकते हैं, जानिए क्या है गाइडलाइन

विशेष न्यायालय के द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारियों को शराबबंदी के लंबित मामलों का केस ट्रांसफर करते ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 

Highlightsबिहार राज्‍य की अदालतों पर मुकदमों का बोझ तो कम होगा ही, जेलों में भी भीड़ घटेगी.जब्त वाहन या परिसर छुड़ाने का अवसर दिया जायेगा और उस पर चल रहे केस को बंद कर दिया जायेगा.शराब पीने के आरोप में जेल में बंद पुराने आरोपित भी नई नियमावली के तहत जुर्माना देकर छूट सकेंगे.

पटनाः बिहार में जेल में पहले से बंद शराबियों को भी नए प्रावधान का लाभ दिया जायेगा. इस नियम के मुताबिक शराबी अब जल्द ही जेल से बाहार आ सकेंगे. इसके तहत शराब पीने के आरोप में पहली बार जेल गये वैसे अभियुक्त, जो 30 दिनों की सजा पूरी कर चुके हैं, वे जेल से छूट सकेंगे.

जबकि 30 दिनों की सजा पूरी नहीं करने वाले अभियुक्त भी दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना देकर छूट पाएंगे. यही नहीं, उन पर चल रहा केस भी बंद कर दिया जायेगा. हालांकि, इसके लिए उनको कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष समर्पण प्रपत्र दाखिल करना होगा. पुलिस के साथ सहयोग नहीं करने या जुर्माने का भुगतान नहीं करने पर उनको 30 दिन तक जेल में रहना पड़ेगा.

यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब पीते पकड़ा गया, तो उसको अनिवार्य रूप से एक साल की सजा मिलेगी. आदतन शराबी की पहचान उनके फोटो, आधार कार्ड व ब्रेथ एनलाइजर के डिजिटल रिकॉर्ड से होगी, जो मद्य निषेध विभाग द्वारा संरक्षित कर रखी जायेगी. शराब पीने के मामले में जेल गए लोगों को अपना केस खत्‍म करने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष समर्पण प्रपत्र दाखिल करना होगा.

इस फैसले से राज्‍य की अदालतों पर मुकदमों का बोझ तो कम होगा ही, जेलों में भी भीड़ घटेगी. इसके साथ ही शराबबंदी कानून के उल्लंघन में यदि पूर्व में किसी वाहन या परिसर की सीलबंदी हुई है, तो नये कानून के तहत उसे छुड़ाने का मौका मिल सकेगा.

बिहार मद्यनिषेध और उत्पाद (संशोधन) नियमावली- 2022 में यह प्रावधान किया गया है कि वाहन या संपत्ति की जब्ती व नीलामी संबंधित लंबित यानी पुराने मामलों में भी मालिक को जुर्माना देकर जब्त वाहन या परिसर छुड़ाने का अवसर दिया जायेगा और उस पर चल रहे केस को बंद कर दिया जायेगा.

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, बिहार के अपर मुख्‍य सचिव केके पाठक ने कहा कि शराब पीने के आरोप में जेल में बंद पुराने आरोपित भी नई नियमावली के तहत जुर्माना देकर छूट सकेंगे. उनका केस भी बंद होगा. शराबबंदी के लिए बने विशेष न्यायालय के द्वारा कार्यपालक दंडाधिकारियों को शराबबंदी के लंबित मामलों का केस ट्रांसफर करते ही यह प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 

नियमावली के मुताबिक शराब के साथ पकड़े गये वाहन के मामले में बीमा कंपनी द्वारा निर्धारित वाहन मूल्य का 50 प्रतिशत जुर्माना लेकर वाहन छोड़ दिया जायेगा. बीमाकृत मूल्य उपलब्ध नहीं होने पर डीटीओ से उसका मूल्य निर्धारित कराया जायेगा. वाहन का दावेदार नहीं होने पर जब्ती तिथि से 15 दिन तक इंतजार करने के बाद उसके अधिहरण व नीलामी की कार्रवाई की जायेगी.

Web Title: Bihar All liquor consumers in jail will come out soon case also be closed released paying fine Nitish government decision

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे