हरियाणा रोडवेज की महिला बस कंडक्टर ने दिया दो बेटियों को जन्म, इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ नाम
By भाषा | Published: October 28, 2018 08:47 PM2018-10-28T20:47:31+5:302018-10-28T20:47:31+5:30
रेवाड़ी जिले की 32 वर्षीय शर्मिला अपने परिवार को सहारा देने के लिए लंबे समय से नौकरी ढूंढ रही थी और उसे इस हड़ताल के बीच वह मिल गयी। यह हड़ताल रोडवेज कर्मचारियों की अब तक सबसे लंबी हड़ताल बन गयी है।
दो बेटियों की मां एवं दिव्यांग महिला हरियाणा रोडवेज की पहली महिला बस कंडक्टर बनी है। दरअसल राज्य रोडवेज के कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सरकार को चालकों और संचालकों की भर्ती का अभियान शुरु करना पड़ा और वह बस कंडक्टर बनी।
रेवाड़ी जिले की 32 वर्षीय शर्मिला अपने परिवार को सहारा देने के लिए लंबे समय से नौकरी ढूंढ रही थी और उसे इस हड़ताल के बीच वह मिल गयी। यह हड़ताल रोडवेज कर्मचारियों की अब तक सबसे लंबी हड़ताल बन गयी है।
शर्मिला ने कहा, ‘‘मैं और मेरे पति दोनों बेरोजगार हैं। हम दो बेटियों का पालन-पोषण कर रहे हैं। मैं पिछले आठ-दस सालों से नौकरी ढूंढ रही थी और जब मुझे इस खाली सीट का पता चला तो मैने आवेदन दे दिया और मुझे नौकरी मिल गयी। ’’
शर्मिला बुधवार को रेवाड़ी डिपो में ज्वायन करने के बाद अपनी ड्यूटी कर रही है।
उसने कहा, ‘‘मैं अब बहुत खुश हूं। मुझे लोगों से अच्छा सहयोग और सम्मान प्राप्त हो रहा है। मैं जो कुछ कर रही हूं, लोग उसकी प्रशंसा करते हैं। ’’
उसने गर्व से कहा, ‘‘मैं हरियाणा की पहली महिला कंडक्टर हूं। मैं यह नौकरी पाकर खुश हूं। मैंने तीन दिन पहले ड्यूटी ज्वायन की और टिकट बेचने से संबंधित ज्यादातर चीजें सीख गयी हूं। ’’
शर्मिला उन दो महिलाओं में एक है जिनकी बस संचालक के रुप में भर्ती की गयी है। दूसरी महिला निर्मला रानी है। उसने सिरसा-ऐलनाबाद मार्ग पर ड्यूटी ज्वायन की।
इससे पहले इसी साल 30 वर्षीय अर्चना करनाल सिटी बस सेवा की पहली और एकमात्र महिला ड्राइवर बनी थी।
हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल 29 अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया था कि क्योंकि सरकार के साथ ताजे दौर की वार्ता विफल रही थी। कर्मचारी निजी मालिकों की 700 बसें किराये पर लेने के सरकार के फैसले के विरुद्ध 16 अक्टूबर से हड़ताल पर हैं।