लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गिरोह के 10 सदस्य अरेस्ट, पाक में बैठे आकाओं के लिए करते थे 'टेरर फंडिंग' में मदद 

By भाषा | Updated: March 25, 2018 22:08 IST2018-03-25T22:08:44+5:302018-03-25T22:08:44+5:30

उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वाला कोई भी व्यक्ति प्रदेश में आजाद नहीं घूम पाएगा।

ATS arrests ten on terror funding charges and Lashkar e Taiba link suspected | लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गिरोह के 10 सदस्य अरेस्ट, पाक में बैठे आकाओं के लिए करते थे 'टेरर फंडिंग' में मदद 

लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े गिरोह के 10 सदस्य अरेस्ट, पाक में बैठे आकाओं के लिए करते थे 'टेरर फंडिंग' में मदद 

लखनऊ, 25 मार्च: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने देश में आतंकवाद का वित्तपोषण कर रहे पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने रविवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि दस्ते ने शनिवार को गोरखपुर, लखनऊ, प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के रीवां में मारे गये छापों और पूछताछ के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के लिए 'टेरर फंडिंग' में मदद का जुर्म कुबूल कर लिया है।

इन गिरफ्तारियों पर उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओ पी सिंह ने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने वाला कोई भी व्यक्ति प्रदेश में आजाद नहीं घूम पाएगा। उन्होंने  कहा कि हम प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए किसी भी असमाजिक तत्व और अपराधियों को किसी भी हाल में नहीं छोड़ेंगे और उन्हें सलाखों को पीछे पहुंचाने के लिए हर प्रयास करेंगे। 

उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों संजय सरोज, नीरज मिश्रा, साहिल मसीह, उमा प्रताप सिंह, मुकेश प्रसाद, निखिल राय, अंकुर राय, दयानन्द यादव नसीम अहमद और नईम अरशद में से कुछ लोगों के तार सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़े हैं।

आईजी अरुण ने बताया कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का कोई सदस्य लाहौर से फोन और इंटरनेट के जरिए अपने नेटवर्क के सदस्यों के सम्पर्क में रहता था और वह उनसे फर्जी नाम से बैंक खाते खोलने के लिए कहता था। वह बताता था कि कितना धन किस खाते में डालना है। इसके लिए इन भारतीय एजेंटों को 10 से 20 प्रतिशत कमीशन मिलता था। अभी तक एक करोड़ रुपए से अधिक के लेन-देन की बात सामने आई है।

उन्होंने बताया कि अभी तक जो खुफिया जानकारी मिली है, उसके मुताबिक पकड़े गए लोगों के तार लश्कर और अन्य आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं। उनमें से कुछ लोग इसे लॉटरी फ्रॉड मान रहे थे, जबकि कुछ को साफ मालूम था कि यह आतंकी फंडिंग है।

अरुण ने बताया कि गिरफ्तार किए गए निखिल राय का नाम जांच में गलत पाया गया है। उसका नाम मुशर्रफ अंसारी है और वह कुशीनगर का रहने वाला है। इस मामले में उसकी भूमिका की गहन जांच हो रही है।

उन्होंने कहा कि इस बात की जांच होगी कि जिस धन का लेन-देन हुआ, वह किसके खाते में गया। इस मामले में संबंधित बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच होगी और जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सम्पूर्ण प्रकरण की विस्तृत जांच की जाएगी और भविष्य में कुछ और गिरफ्तारियां होंगी।

उन्होंने बताया कि पकड़े गए लोगों के कब्जे से बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, लगभग 42 लाख रुपए नकद, छह स्पैव मशीन, मैग्नेटिक कार्ड रीडर, तीन लैपटॉप, एक देसी पिस्तौल और 10 कारतूस, बड़ी संख्या में अलग-अलग बैंकों की पासबुक इत्यादि बरामद की गई हैं।

Web Title: ATS arrests ten on terror funding charges and Lashkar e Taiba link suspected

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