अतीक-अशरफ हत्याकांडः यूपी के सभी जिलों में धारा 144 लागू, उमेश पाल की हत्या के बाद से अबतक 6 आरोपी मारे गए, तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन
By अनिल शर्मा | Updated: April 16, 2023 08:34 IST2023-04-16T08:15:46+5:302023-04-16T08:34:26+5:30
हत्याकांड के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

अतीक-अशरफ हत्याकांडः यूपी के सभी जिलों में धारा 144 लागू, उमेश पाल की हत्या के बाद से अबतक 6 आरोपी मारे गए, तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन
प्रयागराजः माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों भाई को उस समय गोली मारी गई जब पुलिस उन्हें यहां एक मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी। गोलीबारी एमएलएन मेडिकल कॉलेज परिसर के अंदर हुई। हत्याकांड के बाद यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देते हुए तीन सदस्यीय जांच आयोग के गठन के निर्देश दिए हैं। वहीं, घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इस हमले में एएनआई का एक पत्रकार और एक पुलिसकर्मी (मान सिंह ) घायल हुए हैं।
मीडियाकर्मी बनकर हमलावर माफिया भाइयों के नजदीक पहुंचे थे
माफिया भाइयों पर गोलीबारी की यह पूरी घटना कैमरे के सामने की गई। हमलावर मीडियाकर्मी बनकर उनके नजदीक पहुंचे थे। उनके पास फर्जी प्रेस कार्ड, माइक और कैमरा भी था। अतीक ने अन्य मीडियाकर्मियों से जैसे ही बातचीत शुरू की, एक ने उसके सिर में गोली मार दी और वह जमीन पर गिर गया। इसके बाद अशरफ भी नीचे गिरा और तीन हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां दोनों पर दाग दीं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। वारदात को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। घटना रात के करीब 10 बजे की है। 24 फरवरी को यूपी में वकील उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से (50 दिन के भीतर) अब तक कुल छह आरोपी मारे जा चुके हैं।
#WATCH | Uttar Pradesh: Moment when Mafia-turned-politician Atiq Ahmed and his brother Ashraf Ahmed were shot dead by assailants while interacting with media.
— ANI (@ANI) April 15, 2023
(Warning: Disturbing Visuals) pic.twitter.com/PBVaWji04Q
अतीक अहमद 2005 में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड में आरोपित था
अतीक अहमद 2005 के बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड और इस साल फरवरी में हुए उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी था। उमेश पाल की पत्नी जया पाल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर 25 फरवरी को अहमद, अशरफ, अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, गुड्डू मुस्लिम और गुलाम और नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
राजू पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद ने 2008 में आत्मसमर्पण कर दिया और समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को 2005 में एक विधानसभा उपचुनाव में हराया था। यह उपचुनाव अतीक के लोकसभा में चले जाने के बाद हुआ था। हालांकि 2014 में, समाजवादी पार्टी में वापस ले लिया गया और लोकसभा चुनाव में उसे मौका दिया गया लेकिन, भाजपा से हार गया। 2014 का लोकसभा चुनाव राजनीति के साथ उसका आखिरी प्रयास था।
अतीक पहला व्यक्ति था जिसके खिलाफ यूपी में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज हुआ था मामला
रिपोर्ट की मानें तो 1979 में अतीक अहमद पर हत्या का आरोप लगाया गया था। इस हत्या में वह पहला व्यक्ति था जिसके खिलाफ उत्तर प्रदेश में गैंगस्टर अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। अतीक अहमद के खिलाफ 100 से अधिक प्राथमिकी (एफआईआर) और भाई अशरफ के खिलाफ 57 से अधिक प्राथमिकी दर्ज थीं।
अतीक अहमद का राजनीतिक सफर
अतीक अहमद यूपी की विधान सभा का पांच बार सदस्य और एक बार सांसद रह चुका था। उसका राजनीतिक जीवन 1989 में शुरू हुआ जब वह इलाहाबाद (अब प्रयागराज) पश्चिम विधायक सीट के लिए एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुना गया। अतीक ने अगले दो विधान सभा चुनावों में अपनी सीट बरकरार रखी। 1996 में समाजवादी पार्टी ने टिकट दिया और माफिया-राजनेता ने लगातार चौथी बार जीत दर्ज की।