असमः पुलिस थाने में गारो महिला की लाठी, केबल के तार से बेरहमी से पिटाई, शील भंग किया गया, गारो संगठनों का विरोध प्रदर्शन
By अनिल शर्मा | Published: July 7, 2022 11:19 AM2022-07-07T11:19:53+5:302022-07-07T11:43:43+5:30
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने उत्तरी गारो हिल्स के दैनाडुबी पुलिस थाने के अंतर्गत लोअर नोगोलपारा गांव की एक गारो महिला को 5 जुलाई को कोयला चोरी के आरोप में थाने में बुलाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की और उसको थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया।
गुवाहाटीः असम के गोलपारा जिले के दूधनोई पुलिस स्टेशन में एक गारो महिला की पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पिटाई की। यही नहीं महिला का शीलभंग कर उसे प्रताड़ित किया गया जिसके बादा गारो संगठनों ने राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। वहीं गारो छात्र संघ ने भी इस मुद्दे को लेकर विरोध दर्ज कराया और गोवालपारा के पुलिस अधीक्षक पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने उत्तरी गारो हिल्स के दैनाडुबी पुलिस थाने के अंतर्गत लोअर नोगोलपारा गांव की एक गारो महिला को 5 जुलाई को कोयला चोरी के आरोप में थाने में बुलाकर उसकी बेरहमी से पिटाई की और उसको थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। मामले के बढ़ने के बाद कथित रूप से शामिल दो पुलिस कर्मियों - एसआई विष्णु बहादुर नेवार और महिला पुलिस कांस्टेबल ममता जोशी को निलंबित कर दिया गया है।
गोलपाड़ा के पुलिस अधीक्षक वीवी राकेश रेड्डी ने घटना को स्वीकार करते हुए कहा, “इस संबंध में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। स्वतंत्र जांच भी चल रही है। कोई पक्षपात नहीं होना चाहिए। रेड्डी ने कहा कि जो भी कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता होगी, हम करेंगे। दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ दुधनोई थाने में आईपीसी की धारा 294/384/354/325/342/34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
क्या है मामला?
पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी में उसने कहा, 'चार जुलाई को दुधनोल थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने मुझे और मेरे पति सेंगकल आर मारक को दोपहर करीब दो बजे फोन किया। हम वहां पहुंचे और उनसे पूछा कि हमें क्यों बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि 25 जून को गोलपारा के एक व्यक्ति ध्रुबानंद चौधरी ने हमारे खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें आरोप लगाया है कि 24 फरवरी, 2021 को उसने 95,000 रुपये और 29.30 टन कोयला मेरे पति को वितरित करने के लिए दिया था। लेकिन मेरे पति ने उसे पैसा और कोयला नहीं दिया।”
प्राथमिकी के अनुसार, उनके थाने पहुंचने पर पुलिस ने ध्रुबानंद चौधरी को बुलाया जिसके बाद पुलिस ने दंपति को धमकाना शुरू कर दिया और कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। पुलिस कर्मियों और ध्रुबानंद चौधरी ने उन्हें थाने में मौके पर ही 20 लाख रुपये देने को भी कहा। पीड़िता ने कहा कि इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थता जताई तो ध्रुबानंद चौधरी और कुछ पुलिसकर्मियों ने उस पर लाठी, हाथ और पैर से बेरहमी से हमला किया था। बकौल पीड़िता, उन्होंने कुछ गैर-न्यायिक स्टांप पेपर और सफेद कोरे कागजों पर हमारे हस्ताक्षर भी जबरदस्ती लिए हैं और उन्होंने मेरे पर्स से 50,000 रुपये भी छीन लिए हैं।
गारो डेवलपमेंट काउंसिल (जीडीसी) के अध्यक्ष एलेक्स के संगमा के नेतृत्व में महिला पर क्रूरता की निंदा की और पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। वहीं गोलपारा एसपी को लिखे पत्र में जीएसयू-एएसजेड के अध्यक्ष फोल्डिन मराक, उपाध्यक्ष सेंगमैन अरेंग और महासचिव क्रोनेल संगमा ने कहा कि यह घटना निंदनीय है और इससे असम पुलिस की बदनामी हुई है।
महिला पर हमले की निंदा करने के लिए उत्तरी गारो हिल्स क्षेत्र के बड़ी संख्या में सामाजिक और छात्र संगठन गुरुवार को खरकुट्टा और दैनाडुबी में एक सामूहिक विरोध रैली कर रहे हैं।