कैलासा द्वीप पर खुद का देश बनाने वाले नित्यानंद के खिलाफ रेप के मामले में कर्नाटक की कोर्ट ने जारी गिरफ्तारी वारंट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: August 20, 2022 15:05 IST2022-08-20T14:58:40+5:302022-08-20T15:05:07+5:30
कर्नाटक के कथित आध्यात्मिक गुरु नित्यानंद के खिलाफ वहां की सेशन कोर्ट ने साल 2010 के रेप मामले में गैर जमानती वारंट जारी किया है।

कैलासा द्वीप पर खुद का देश बनाने वाले नित्यानंद के खिलाफ रेप के मामले में कर्नाटक की कोर्ट ने जारी गिरफ्तारी वारंट
बेंगलुरु: देश से फरार और कैलासा नाम के द्वीप पर कथित तौर पर अपना देश बना लेने वाले फर्जी स्वयंभू बाबा नित्यानंद के खिलाफ कर्नाटक की एक सेशन कोर्ट ने साल 2010 के एक रेप मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है। जानकारी के मुताबिक नित्यानंद के खिलाफ यह गैर-जमानती वारंट बीते गुरुवार को बेंगलुरु के पास स्थित रामनगर के थर्ड एडिशनल सेशन और डिस्ट्रिक जज ने जारी किया है।
बताया जाता है कि नित्यानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने से पहले कोर्ट ने एक ओपन एंडेड वारंट जारी किया गया था, लेकिन कर्नाटक पुलिस नित्यानंद के ठिकाने का पता लगाने में असफल रही थी। नित्यानंद पर कोर्ट में साल 2010 में रेप की शिकायत दर्ज हुई थी लेकिन मामले की सुनवाई आठ साल यानी साल 2018 में शुरू हुई।
साल 2010 के इस मुकदमे में नित्यांनंद के खिलाफ तीन गवाहों से भी कोर्ट में जिरह हो चुकी है लेकिन रेप के मुख्य आरोपी नित्यानंद के ही फरार रहने के कारण मुकदमें की सुनवाई बीते तीन सालों से ठप रही। नित्यानंद ने 2019 के बाद से अपने खिलाफ जारी हुए कोर्ट के समन का जवाब भी नहीं दिया है। कोर्ट ने नित्यानंद को आदतन अपराधी मानते हुए और कोर्ट की सुनवाई में उपस्थित न होने के कारण बीते 18 अगस्त को गैर जमानती वारंट जारी किया है।
मालूम हो कि ठग बाबा नित्यानंद पर खुद उसकी एक महिला शिष्या ने आरोप लगाया कि बाबा ने उसे आध्यात्मिकता का फर्जी झांसा देकर आश्रम में रहने के दौरान करीब पांच साल तक बलात्कार किया। जब ये मामला पुलिस के पहुंचा तो पुलिस ने आरोपी नित्यामंद के खिलाफ भारतीय धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 420 (धोखाधड़ी), 114 (आपराधिक उकसाने), 201 (सबूत गायब करना, झूठी जानकारी देना), 120बी (आपराधिक साजिश) सहित अन्य आरोपों में मुकदमा कायम किया।
इसके अलावा नित्यानंद पर उसके पूर्व ड्राइवर लेनिन ने साल 2010 में आरोप लगाया था, जिसे आधार बनाते हुए पुलिस ने नित्यांद के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया था। उसके बाद पुलिस ने नित्यानंद को उसके आश्रम से गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में वो जमानत पर रिहा हो गया था।
लेकिन साल 2020 में शिकायतकर्ता लेनिन द्वारा नित्यानंद की जमानत के खिलाफ सेशन कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसके आधार पर कोर्ट ने नित्यानंद की जमानत को खारिज कर दिया था। लेनिन ने अपनी याचिका में इस बात का दावा किया था कि जमानत पर रिहा होने के बाद नित्यानंद देश से फरार हो गया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)