महाराष्ट्र सहित देश के दूसरे राज्यों में बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों पर नहीं हो रही कार्रवाई, 6 महीनों में 24000 रेप के मामले

By शीलेष शर्मा | Published: July 13, 2019 06:41 PM2019-07-13T18:41:28+5:302019-07-13T20:37:14+5:30

आंकड़े बताते है कि बच्चों के साथ ऐसे अपराधों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. उत्तर प्रदेश में 3457 मामले दर्ज हुए जिनमें से केवल 115 मामलों पर ही कार्रवाई हुई जो महज तीन फीसदी है. 

Action not taken for Crime Against Women in Maharashtra & other states of country | महाराष्ट्र सहित देश के दूसरे राज्यों में बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों पर नहीं हो रही कार्रवाई, 6 महीनों में 24000 रेप के मामले

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

देशभर में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न और दुराचार के आंकड़ों ने देश की सबसे बड़ी अदालत सर्वोच्च न्यायालय को सकते में डाल दिया है. सर्वोच्च न्यायालय को जो आंकड़े मिले है उनके अनुसार हाल के दिनों में पिछले छह महीनों में 24000 बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएं सामने आई है. 

अदालत के आंकड़े बताते है कि देशभर 1 जनवरी 2019 से 30 जून 2019 तक जो बच्चों के साथ जो बलात्कार की घटनाएं हुई उनमें 24212 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई  लेकिन महज 9 से 11 मामले ही निपटाये जा सके. 
जहां एक ओर सर्वोच्च न्यायालय ने इन बढ़ते अपराधों पर गंभीर रुख अपनाया है तो वहीं दूसरी ओर राजनैतिक हलकों में भी बच्चों के साथ अपराधों को लेकर हलचल तेज हो गई है. 

कांग्रेस ने आज इस मुद्दे को ना केवल उठाया बल्कि यह भी चेतावनी दे दी कि वह इस मुद्दे पर संसद के अंदर और संसद के बाहर सरकार को घेरेगी. क्योंकि जो सर्वाधिक आंकड़े बच्चों के साथ दुराचार के सामने आ रहे है उनमें भाजपा शासित राज्यों के आंकड़े सबसे उपर है. 

आंकड़े बताते है कि बच्चों के साथ ऐसे अपराधों में उत्तर प्रदेश पहले नंबर पर है. उत्तर प्रदेश में 3457 मामले दर्ज हुए जिनमें से केवल 115 मामलों पर ही कार्रवाई हुई जो महज़ तीन फीसदी है. 

यदि महाराष्ट्र की बात करें तो महाराष्ट्र भी उत्तर प्रदेश से बहुत पीछे नहीं है. इस राज्य के आंकड़े बताते है कि बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के 1940 मामले दर्ज किए गए और केवल 24 पर कार्रवाई हुई जो मात्र एक फीसदी है. कुछ राज्य तो ऐसे है जहां भले ही ऐसे अपराधों की संख्या कम हो लेकिन वहां कोई कार्रवाई किसी मामले में नहीं हुई और जो हुई वह ना के बराबर  थी,  ऐसे राज्यों में कर्नाटक, दिल्ली, गुजरात, तेलंगाना, केरल, नगालैंड सहित दूसरे राज्य शामिल है. पंजाब में 347 मामले दर्ज हुए और 25 पर कार्रवाई की गई. चंड़ीगढ़ में29 मामले दर्ज हुई 12 पर कार्रवाई हुई और शेष फाइलों में बंद है.

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इस आंकड़ों को लेकर बयान दिया और कहा कि जिस तरह बच्चों के साथ दुराचार के मामले बढ़ रहे है प्रधानमंत्री मोदी का नारा बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं केवल खोखला नारा साबित हो गया है.  उनकी दलील थी कि जब सरकार प्रत्येक लड़की  पर 5 पैसे खर्च करेगी तो उसका सही विकास कैसे हो सकेगा.उन्होंने पूछा कि सरकार आखिर 2016 से राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो  के आंकड़े क्यों छुपा रही है. यदि 2016 से अब तक की बात करें तो बच्चियों के साथ बलात्कार के 90 हजार मामलें लंबित पड़े है. कांग्रेस का दावा था कि जहां-जहां भाजपा की सरकार है वहां महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों को दबाया जा रहा है. 

Web Title: Action not taken for Crime Against Women in Maharashtra & other states of country

क्राइम अलर्ट से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे