सचिन ने बैटिंग में रचा इतिहास, पर कप्तानी में क्यों नहीं छोड़ पाए छाप, पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदन लाल ने बताई वजह

Madan Lal, Sachin Tendulkar: पूर्व क्रिकेटर मदन लाल ने बताया है कि बैटिंग में कामयाबी के झंडे गाड़ने वाले सचिन तेंदुलकर को क्यों कप्तानी में संघर्ष करना पड़ा

By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 18, 2020 01:37 PM2020-06-18T13:37:59+5:302020-06-18T13:37:59+5:30

Why Sachin Tendulkar struggled as captain, Madan Lal reveals | सचिन ने बैटिंग में रचा इतिहास, पर कप्तानी में क्यों नहीं छोड़ पाए छाप, पूर्व भारतीय क्रिकेटर मदन लाल ने बताई वजह

सचिन 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे (AFP)

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Highlightsसचिन की कप्तानी में भारत ने 73 वनडे में 23 में और 25 टेस्ट में से 4 में जीत हासिल कीमदन लाल ने कहा, 'सचिन ने अपने प्रदर्शन का बहुत ज्यादा ख्याल रखा, हालांकि वह अच्छे कप्तान थे'

सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट इतिहास के महानतम बल्लेबाजों में गिना जाता है। उनके नाम टेस्ट और वनडे में सर्वाधिक शतकों और रनों का रिकॉर्ड दर्ज है। सचिन ने टेस्ट में 51 शतकों के साथ 15921 रन और वनडे में 49 शतकों के साथ 18426 रन बनाए हैं। वह 100 इंटरनेशनल शतक जमाने वाले दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज हैं। लेकिन बैटिंग में अपने दमदार रिकॉर्ड को सचिन अपनी कप्तानी में नहीं दोहरा सके थे और भारतीय कप्तान के रूप में उनका रिकॉर्ड बेहद साधारण रहा।

सचिन ने 1996 से 2000 के बीच भारत की 73 मैचों में कप्तानी की, जिनमें से उसे 23 में जीत मिली जबकि 43 में शिकस्त मिली। वनडे में उनके जीत का औसत 35.07 रहा। वहीं उनकी कप्तानी में 25 टेस्ट मैचों में भारत केवल 4 मैच जीत सका जबकि उसे 9 में शिकस्त मिली, और उनके जीत का औसत महज 16 रहा। 

मदन लाल ने बताया, कैसी थी सचिन तेंदुलकर की कप्तानी?

एक हालिया इंटरव्यू में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच मदन लाल ने सचिन की कप्तानी पर चर्चा करते हुए बताया कि आखिर इसमें मास्टर ब्लास्टर को बैटिंग जितनी कामयाबी क्यों नहीं मिली। मदन लाल ने स्पोर्ट्सकीड़ा से एक लाइव इंटरव्यू के दौरान कहा, 'मैं नहीं मानता कि सचिन अच्छे कप्तान नहीं थे। समस्या एकदम साधारण थी। वह अपने खुद के प्रदर्शन में बहुत ज्यादा उलझे थे और उन्होंने अपने प्रदर्शन का बहुत ख्याल रखा। इसलिए, कई बार उनके लिए टीम का ख्याल रखना मुश्किल हो गया।'

लाल ने आगे कहा कि कप्तान उतना ही अच्छा होता है जितनी उसकी टीम। उन्होंने कहा, 'एक कप्तान के रूप में आपको अपने प्रदर्शन का ख्याल रखना होता है, और साथ ही इस बात का भी ख्याल रखना होता है बाकी टीम टीम अपनी सर्वश्रेष्ठ काबिलियत के हिसाब से प्रदर्शन करे। कई बार कप्तान अपनी टीम के जितना ही अच्छा होता है। कप्तान केवल दिशा दिखा सकता है।'

सचिन तेंदुलकर एक अच्छे कप्तान थे: मदन लाल

मदन लाल ने कहा, 'जब आप अच्छा प्रदर्शन करके कप्तान को आत्मविश्वास देते हैं, तो वह भी आपको बिना झिझक के मौके देता है। वह आपके साथ चर्चाओं में शामिल होता है और खेल के संबंध में योजनाएं बनाता है।'

लाल ने ये भी कहा कि सचिन को खेल की बेहतरीन समझ है। उन्होंने कहा, 'सचिन में खेल को समझने और खिलाड़ियों को ये बताने कि वह कहां गलत कर रहे हैं और कैसे गेंदबाजी करनी है, का बेहतरीन गुण था। वग इन सब चीजों में बेहतरीन थे। लेकिन ऐसा कई बार होता है, कि आप अपने खेल पर बहुत ध्यान देते हैं कि आपकी कठिनाइयां कम हो जाएं। ऐसा नहीं था कि वह एक अच्छे कप्तान नहीं थे।'

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