विराट कोहली ने खोला राज, कैसे सचिन तेंदुलकर और रवि शास्त्री की सलाह से 2014 के इंग्लैंड दौरे की निराशा से उबर बने शानदार बल्लेबाज

Virat Kohli: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने खुलासा किया है कि 2014 के इंग्लैंड के निराशाजनक दौरे के बाद कैसे सचिन तेंदुलकर और रवि शास्त्री सलाह उनके करियर के लिए अहम रही

By भाषा | Published: July 24, 2020 04:12 PM2020-07-24T16:12:50+5:302020-07-24T16:12:50+5:30

Virat Kohli Reveals How Sachin Tendulkar and Ravi Shastri Helped Him Improve His Performance after disastrous tour of England in 2014 | विराट कोहली ने खोला राज, कैसे सचिन तेंदुलकर और रवि शास्त्री की सलाह से 2014 के इंग्लैंड दौरे की निराशा से उबर बने शानदार बल्लेबाज

विराट कोहली ने बताया कि सचिन तेंदुलकर की सलाह से उन्हें बैटिंग सुधारने में मिली मदद (File Pic)

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Highlights2014 के इंग्लैंड के फ्लॉप दौरे के बाद सचिन और रवि शास्त्री की सलाह आई विराट कोहली के कामसचिन ने तेज गेंदबाजों के खिलाफ फॉरवर्ड प्रेस और रवि शास्त्री ने ‘क्रीज के बाहर खड़े होने की’ सलाह दी थी

नई दिल्ली: भारतीय कप्तान विराट कोहली को लगता है कि 2014 में इंग्लैंड के निराशाजनक दौरे के बाद सचिन तेंदुलकर की ‘तेज गेंदबाजों के खिलाफ 'फॉरवर्ड प्रेस’ (लंबे डग) और मुख्य कोच रवि शास्त्री की ‘क्रीज के बाहर खड़े होने की’ सलाह की वजह से वह शानदार टेस्ट बल्लेबाज में तब्दील हुए। कोहली का इंग्लैंड का एक दौरा दुस्वप्न साबित हुआ था जब वह लगातार 10 पारियों में असफल रहे थे लेकिन बाद में साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों में चार शतक जड़कर वापसी की जिसमें दो सैकड़े एडिलेड में लगे थे।

मयंक अग्रवाल से ‘बीसीसीआई डॉट टीवी’ में बातचीत करते हुए भारतीय कप्तान ने इंग्लैंड दौरे के बाद अपनी तकनीक में बदलाव का खुलासा किया। कोहली ने ‘ओपन नेट्स विद मयंक’ शो में अग्रवाल से कहा, ‘‘2014 का दौरा मेरे करियर के लिये मील का पत्थर होगा। काफी लोग अच्छे दौरों को अपने करियर का मील का पत्थर कहते हैं लेकिन मेरे लिये 2014 मील का पत्थर होगा।’’

2014 इंग्लैंड दौरे के बाद सचिन से मिली सलाह आई कोहली के काम

उन्होंने कहा, ‘‘मैं इंग्लैंड से लौटा और मैंने सचिन (तेंदुलकर) पाजी से बात की और मुंबई में उनके साथ कुछ सत्र लिए। मैंने उन्हें बताया कि मैं अपने कूल्हे की पोजिशन पर काम कर रहा हूं। उन्होंने मुझे बड़े कदमों और तेज गेंदबाजों के खिलाफ ‘फॉरवर्ड प्रेस’ की अहमियत महसूस करायी।’’ कोहली ने कहा, ‘‘मैंने अपनी पॉजिशन के साथ जैसे ही ऐसा करना शुरू किया, चीजें अच्छी तरह होनी शुरू हो गयीं और फिर ऑस्ट्रेलिया दौरा हुआ।’’

उन्होंने बताया कि इंग्लैंड में क्या गलत हुआ और उन्हें इसका अहसास कैसे हुआ। कोहली ने कहा, ‘‘इंग्लैंड दौरे के दौरान मेरी ‘हिप पोजिशन’ मुद्दा थी। यह परिस्थितियों के अनुरूप सांमजस्य नहीं बिठा पाना था और जो करना चाह रहा था, वो नहीं कर पा रहा था। इसलिये सख्त होने से आप कहीं नहीं पहुंचते। यह महसूस करना काफी लंबा और दर्दनाक था लेकिन मैंने इसे महसूस किया।’’ कोहली को महसूस हुआ कि ‘हिप पॉजिशन’ की वजह से उनकी शॉट लगाने की काबिलियत सीमित हो रही थी।

<a href='https://www.lokmatnews.in/topics/ravi-shastri/'>रवि शास्त्री</a> की बैटिंग टिप्स आई <a href='https://www.lokmatnews.in/topics/virat-kohli/'>विराट कोहली</a> के काम (File Pic)
रवि शास्त्री की बैटिंग टिप्स आई विराट कोहली के काम (File Pic)

हिप पोजिशन को सुधारने से बना कोहली का काम

उन्होंने कहा, ‘‘इसे संतुलित रखना चाहिए ताकि आप ऑफ साइड और लेग साइड दोनों ही ओर बराबर नियंत्रण बनाकर खेल सको जो काफी महत्वपूर्ण है।’’ जेम्स एंडरसन उन्हें बाहर जाती गेंदों पर ही आउट कर रहे थे। कोहली ने कहा, ‘‘मैं गेंद के अंदर आने को लेकर सोचकर कुछ ज्यादा ही चिंतित हो रहा था। मैं इस संदेह की स्थिति से नहीं निकल सका।’’

हालांकि उनकी तकनीक में जरा से बदलाव से उनके ‘स्टांस’ में भी बदलाव आया जो शास्त्री (204-15 में टीम निदेशक) के सुझाव से हुआ और यह 2014-15 ऑस्ट्रेलिया दौरे के शुरू होने से पहले ही हुआ था और फिर सबकुछ बदल गया जो इतिहास ही है।

कोहली ने बताया शास्त्री की कौन सी सलाह आई काम

कोहली ने कहा, ‘‘उन्होंने (शास्त्री) ने मुझे एक चीज बतायी, वो थी क्रीज के बाहर खड़े होने की। उन्होंने इसके पीछे के मानसिकता को भी बताया। आप जिस जगह खेल रहे हो, आपका उस पर नियंत्रण होना चाहिए और गेंदबाज को आपको आउट करने का मौका नहीं देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिये मैंने उसी साल से इसका अभ्यास करना शुरू किया और इसके नतीजे अविश्वसनीय थे।’’ उन्होंने पूर्व भारतीय कोच डंकन फ्लेचर को भी श्रेय दिया जिन्हें बल्लेबाजी की अपार जानकारी है। कोहली ने कहा, ‘‘मैंने डंकन फ्लेचर के बातचीत के बाद ही अपने ‘स्टांस’ को बड़ा किया, जिन्हें खेल की बेहतरीन समझ है। उन्होंने मुझसे एक ही सवाल पूछा, ‘‘क्या मैं ‘फॉरवर्ड प्रेस’ और चौड़े ‘स्टांस’ से शार्ट बॉल को खेल पाऊंगा। तो मैंने कहा, मैं कर सकता हूं।’’

शास्त्री के साथ दिलचस्प बातचीत के बारे में कोहली ने हंसते हुए बताया, ‘‘रवि भाई ने मुझे पूछा कि क्या मैं शॉर्ट गेंद से डरता था। तो मैंने कहा कि मैं डरता नहीं हूं, मुझे चोट लगने से भी परेशानी नहीं है लेकिन मैं आउट नहीं होना चाहता।’’ 

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