सौरव गांगुली, जय शाह की बीसीसीआई में कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म करने की याचिका, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

Sourav Ganguly, Jay Shah cooling-off period: बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की बीसीसीआई में कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 22, 2020 09:16 AM2020-07-22T09:16:04+5:302020-07-22T09:33:16+5:30

Supreme Court to hear Sourav Ganguly, Jay Shah petitions seeking end of cooling-off period in BCCI | सौरव गांगुली, जय शाह की बीसीसीआई में कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म करने की याचिका, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

सौरव गांगुली और जय शाह के कूलिंग ऑफ पीरियड की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई (Twitter)

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Highlightsसौरव गांगुली और जय शाह की बीसीसीआई में कूलिंग ऑफ पीरियड खत्म करने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाईसौरव गांगुली बीसीसीआई से पहले बंगाल क्रिकेट संघ और जय शाह गुजरात क्रिकेट संघ में थे

सुप्रीम कोर्ट बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह की जो दो लगातार कार्यकालों के बाद कूलिंग-ऑफ अवधि को माफ करने की याचिका पर सुनवाई करेगा।

लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू होने के बाद, यह अनिवार्य हो गया कि बीसीसीआई के पदाधिकारियों को या तो राज्य संघ या बोर्ड में पदाधिकारी के रूप में 6 साल तक सेवा देने के बाद 3 साल के लिए कूलिंग-ऑफ अवधि में जाना होगा।

गांगुली और जय शाह ने दाखिल की है कूलिंग ऑफ पीरियड हटाने की याचिका

पूर्व भारतीय कप्तान गांगुली बीसीसीआई से पहले क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बंगाल (सीएबी) में कई पदों पर रह चुके हैं जबकि जय शाह गुजरात क्रिकेट असोसिएशन में संयुक्त सचिव थे।

गागुंली और शाह ने क्रमश: बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव पद अक्टूबर 2019 में संभाला था और उन्होंने इस संवैधानिक परिवर्तन की मांग की है ताकि वे भारतीय क्रिकेट बोर्ड में अपने पदों पर बने रहें।

जय शाह का कार्यकाल 7 मई को समाप्त हो गया था जबकि सौरव गांगुली का कार्यकाल 27 जुलाई को खत्म हो रहा है।

आदित्य वर्मा नहीं करेंगे गांगुली और जय शाह की याचिका का विरोध

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रोचक बात ये है कि, जो आदित्य वर्मा बीसीसीआई में बदलावों की मांग के लिए कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं, वह भी गांगुली और शाह के अपने पदों पर बने रहने के पक्ष में हैं। 

क्रिकेट असोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव वर्मा, जिन्होंने 2013 स्पॉट फिक्सिंग मामले में याचिका दायर की थी, ने कहा है कि शीर्ष अदालत में जब कूलिंग ऑफ पीरियड हटाने की गांगुली और शाह की याचिका पर सुनवाई होगी तो उनका वकील इसका विरोध नहीं करेगा।

वर्मा ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि गांगुली और शाह दोनों ही बोर्ड के स्थायित्व के लिए जरूरी हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने हमेशा ही कहा है कि सौरव गांगुली बीसीसीआई की अगुवाई के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं। मेरा मानना है कि दादा और जय शाह को बीसीसीआई में फिर से स्थायित्व लाने के लिए पूर्ण कार्यकाल मिलना चाहिए।'

वर्मा ने कहा, 'अगर दादा को BCCI अध्यक्ष के रूप में पद पर रहने अनुमति दी जाती है, तो मुझे सीएबी की ओर से, मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी।'

वर्मा ने कहा, 'उनके नौ महीनों में से चार महीने पहले ही कोरोनोवायरस के कारण खराब हो चुके हैं और किसी भी प्रशासक को योजनाओं और नीतियों को लागू करने के लिए समय चाहिए।'

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