'सौरव गांगुली लाए टीम इंडिया में बदलाव, विराट कोहली उसे नए लेवल पर ले गए'

गांगुली भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक है। उन्होंने 49 टेस्ट मैचों में से 21 में जीत दर्ज की जिनमें 11 मैच विदेशी धरती पर जीते गये। लॉयड ने कहा कि वर्तमान में कोहली टीम को नये स्तर पर ले गये हैं...

By भाषा | Published: July 22, 2020 09:22 PM2020-07-22T21:22:10+5:302020-07-22T21:22:40+5:30

Sourav Ganguly was the catalyst, Virat Kohli has taken India to another level: David Lloyd | 'सौरव गांगुली लाए टीम इंडिया में बदलाव, विराट कोहली उसे नए लेवल पर ले गए'

'सौरव गांगुली लाए टीम इंडिया में बदलाव, विराट कोहली उसे नए लेवल पर ले गए'

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इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर डेविड लॉयड ने बुधवार को कहा कि सौरव गांगुली भारतीय टीम के बदलाव लाने के लिये ‘उत्प्रेरक’ बने तो ‘बेपरवाह’ विराट कोहली उसे अगले स्तर तक ले गये।

क्रिकेटर से कमेंटेटर बने लॉयड 2000 के दशक के शुरू में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट प्रतिद्वंद्विता के संदर्भ में बात कर रहे थे। उस वक्त गांगुली की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने घरेलू श्रृंखला 2-1 से जीतने के बाद ऑस्ट्रेलिया में चार मैचों की श्रृंखला 1-1 से ड्रॉ करायी और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने पास बरकरार रखी थी।

डेविड लॉयड ने सोनी टेन पिट स्टॉप कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं गांगुली का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मेरा मानना है कि सौरव गांगुली ने टीम में यह बात भरी कि अब तेज गेंदबाज हम पर मनमाफिक हावी नहीं रहेंगे क्योंकि हम अपने खुद के कुछ अच्छे खिलाड़ी ढूंढ रहे हैं। ’’

लॉयड ने कहा, ‘‘हमेशा से यह माना जाता रहा कि भारत विदेश में उछाल वाली गेंदों को पसंद नहीं करता लेकिन गांगुली की अगुवाई में टीम उछाल वाली पिचों पर खेलने के लिये पूरी तैयारियों के साथ आस्ट्रेलिया गयी थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बेशक भारत के खिलाफ उसकी सरजमीं पर खेलना बहुत मुश्किल होता है लेकिन शुरू से यह माना जाता रहा कि भारत के खिलाफ विदेशी धरती पर आपके पास मौका होता है। गांगुली ने उत्प्रेरक का काम किया और टीम में राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी भी थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह (कोहली) बेहतरीन खिलाड़ी तो है ही बहुत अच्छे नेतृत्वकर्ता भी है। वह कभी हार नहीं मानता और उसे किसी चीज का खौफ नहीं होता है। यह महत्वपूर्ण है कि वह डरता नहीं है। कोहली के बारे में मेरा मानना है कि वह मैच जीतने के लिये मैदान पर उतरता है। वह खुद के लिये रन नहीं बनाता वह वहां मैच जीतने के लिये होता है और आगे बढ़कर नेतृत्व करता है।’’

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