सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई लोकपाल को दिया जवाब, हितो के टकराव मामले पर दी सफाई

सचिन तेंदुलकर ने अपने ऊपर लगे हितों के टकराव के मामले को खारिज करते हुए दावा किया कि उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियन्स से ना तो ‘‘कोई फायदा’’ उठाया है।

By भाषा | Published: April 29, 2019 11:24 AM2019-04-29T11:24:06+5:302019-04-29T11:24:06+5:30

Sachin Tendulkar denies conflict of interest charge | सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई लोकपाल को दिया जवाब, हितो के टकराव मामले पर दी सफाई

सचिन तेंदुलकर ने बीसीसीआई लोकपाल को दिया जवाब, हितो के टकराव मामले पर दी सफाई

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Highlightsतेंदुलकर, लक्ष्मण और गांगुली को हितों के टकराव के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।लक्ष्मण ने खुद को आरोपों से पाक साफ करने के लिए सीएसी से हटने की इच्छा जताई है।तेंदुलकर ने बीसीसीआई के लोकपाल डी के जैन के भेजे नोटिस का लिखित जवाब दाखिल किया।

नई दिल्ली, 29 अप्रैल। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने ऊपर लगे हितों के टकराव के मामले को खारिज करते हुए दावा किया कि उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) फ्रेंचाइजी मुंबई इंडियन्स से ना तो ‘‘कोई फायदा’’ उठाया है ना ही वह निर्णय लेने की किसी प्रक्रिया में भागीदार रहे हैं। हालांकि सनराइर्ज हैदराबाद में टीम प्रबंधन का हिस्सा टीम के मेंटर वीवीएस लक्ष्मण ने खुद को आरोपों से पाक साफ करने के लिए क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से हटने की इच्छा जताई है।

तेंदुलकर, लक्ष्मण और सौरव गांगुली की मौजूदगी वाली सीएसी को हितों के टकराव के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। गांगुली की दिल्ली कैपिटल्स में सलाहकार की भूमिका जांच के दायरे में आ गई थी जबकि लक्ष्मण और तेंदुलकर ने रविवार को आरोपों का जवाब दिया। तेंदुलकर ने रविवार को बीसीसीआई के लोकपाल एवं नैतिक अधिकारी न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी के जैन के भेजे नोटिस का लिखित जवाब दाखिल किया जिसमें 14-बिंदुओं का उल्लेख है।

तेंदुलकर और लक्ष्मण को मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के सदस्य संजीव गुप्ता द्वारा दायर की गई शिकायत पर नोटिस भेजा गया था। शिकायत के मुताबिक लक्ष्मण और तेंदुलकर ने आईपीएल फ्रेंचाइजी टीमों क्रमश: सनराइजर्स हैदराबाद और मुंबई इंडियन्स के ‘‘सहायक सदस्य’’ और बीसीसीआई के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के सदस्य के रूप में दोहरी भूमिका निभाई जिसे कथित हितों के टकराव का मामला बताया गया था। अपने जवाब में तेंदुलकर ने लिखा, ‘‘ सबसे पहले, नोटिस प्राप्तकर्ता (तेंदुलकर) सभी शिकायतों को खारिज करता है (बयानों को छोड़कर जो विशेष रूप से यहां स्वीकार किए जाते हैं)।’’

उनके जवाब की प्रति पीटीआई के पास भी है जिसमें कहा गया, ‘‘ नोटिस प्राप्तकर्ता (तेंदुलकर) ने संन्यास के बाद से मुंबई इंडियन्स आईपीएल फ्रेंचाइजी से टीम ‘आईकॉन’ की क्षमता में कोई भी विशेष आर्थिक लाभ/फायदा नहीं लिया है और वह किसी भी भूमिका में फ्रैंचाइजी के लिए कार्यरत नहीं है।’’ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले इस खिलाड़ी ने कहा है कि वह किसी भी पद पर काबिज नहीं हैं, न ही उन्होंने कोई निर्णय लिया है (टीम के खिलाड़ियों के चयन सहित), जो फ्रैंचाइजी के शासन या प्रबंधन के अंतर्गत आता है। ‘‘इसलिए बीसीसीआई के नियमों के तहत या अन्यथा, यहां हितों का कोई टकराव नहीं हुआ है ।’’

लक्ष्मण के मामले में पता चला है कि लोकपाल को अपने जवाब में लक्ष्मण ने सीएसी छोड़ने की इच्छा जताई है अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है तो। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘लक्ष्मण का मामला आसानी से हितों के टकराव के दायरे में आता है। वह सनराइजर्स के प्रबंधन का हिस्सा है।’’

​​क्रिकेट सलाहकार समिति में उनकी भूमिका के सवाल पर तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें 2015 में बीसीसीआई समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया था और यह नियुक्ति मुंबई इंडियन्स के साथ उनकी भागीदारी के कई वर्ष के बाद हुई थी।

उन्होंने कहा, ‘‘नोटिस प्राप्तकर्ता 2015 में क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में नियुक्त हुआ था। माननीय नैतिक अधिकारी इस बात की सराहना करेंगे कि उन्हें सीएसी में शामिल होने से काफी पहले ही मुंबई इंडियंस का ‘आईकॉन’ घोषित किया गया था। ये तथ्य सार्वजनिक जानकारी में रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, बीसीसीआई को नोटिस प्राप्तकर्ता की, सीएसी में नियुक्ति के समय उसके मुंबई इंडियन्स फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ाव के बारे में पता था।’’ भाषा सुधीर सुधीर

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