Highlightsअश्विन ने कहा कि वह कह सकते हैं कि यह कोई बुरी उपलब्धि नहीं है।मुथैया मुरलीधरन नयी गेंद से गेंदबाजी नहीं करना चाहते थे और मुझे नयी गेंद डालनी पड़ी। नहीं जानता कि कहां से शुरू करूं क्योंकि मैं संयोगवश स्पिनर बना।
Ravichandran Ashwin IND vs ENG, 3rd Test Live: अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बनने के बाद काफी संतुष्ट हैं और उन्हें अनिल कुंबले के 619 विकेट के राष्ट्रीय रिकॉर्ड का पीछा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ यहां तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन 500 टेस्ट विकेट लिये और दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया से कहा, ‘‘इसका बहुत ही सरल उत्तर ‘नहीं’ है। यह रिकॉर्ड 120 विकेट दूर है। मैं हर दिन जीना चाहता हूं और मैं 37 साल का हूं। नहीं जानता कि आगे क्या होने वाला है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगले दो महीनों में क्या होगा? आप यह श्रृंखला खेल रहे हो और फिर आगे क्या, तुम्हें नहीं पता। ’’ अश्विन ने कहा, ‘‘पिछले चार-पांच वर्षों में मैंने यही सीखा है, यह बहुत ही सरल है और मेरे लिए कारगर भी रहा है। जो चीज आपके लिए कारगर हो, उसे क्यों बदलना? ’’ अपने करियर के सबसे यादगार दिन अपनी यात्रा के बारे में बात करते हुए अश्विन ने कहा कि वह कह सकते हैं कि यह कोई बुरी उपलब्धि नहीं है।
अश्विन ने कहा, ‘‘यह बहुत लंबी यात्रा रही है। नहीं जानता कि कहां से शुरू करूं क्योंकि मैं संयोगवश स्पिनर बना। मैं हमेशा बल्लेबाज बनना चाहता था। जिंदगी ने मुझे मौका दिया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं चेन्नई सुपर किंग्स के ड्रेसिंग रूम में गया तो मुथैया मुरलीधरन नयी गेंद से गेंदबाजी नहीं करना चाहते थे और मुझे नयी गेंद डालनी पड़ी। ’’
अश्विन ने कहा, ‘‘मैंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अच्छी शुरूआत की और मेरा करियर अच्छा था। लेकिन आईपीएल के मंच ने मुझे काफी लोगों की नजरों में ला दिया और मुझे टेस्ट पदार्पण का मौका मिला। लोगों को संदेह था कि मैं टेस्ट गेंदबाज बन पाऊंगा या नहीं।
10 से 13 साल बाद मैं कहूंगा कि यह बुरा नहीं है, यह बुरी उपलब्धि नहीं है। मैं बहुत खुश हूं। ’’ अश्विन का ध्यान मौजूदा टेस्ट में लगा हुआ है जिससे उन्होंने इस उपलब्धि का बड़ा जश्न नहीं बनाया। उन्होंने कहा, ‘‘यह टेस्ट का बहुत अहम समय है, अभी नतीजा अधर में है।
जश्न मनाने के लिए सबसे अच्छी चीज रात को खाना खाकर फिर इसके बारे में सोचना कि जिंदगी में कितना आगे आ गया हूं। ’’ आस्ट्रेलिया विकेटकीपर नाथन लियोन ने भी पिछले दिसंबर में अपने 500 टेस्ट विकेट पूरे किये थे। अश्विन ने खुलासा किया कि इस आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भी उन्हें बधाई दी है।
अश्विन में हमेशा सर्वश्रेष्ठ बनने की इच्छा रही है लेकिन 2018-19 के बीच ऐसा दौर भी आया जब इस दिग्गज स्पिनर को लगा कि उनके लिए सब कुछ खत्म हो गया है। अपने 98वें टेस्ट में खेलते हुए अश्विन ने अपने करियर के उस बुरे दौर के बारे में बात की। अश्विन ने दूसरे दिन का खेल खत्म के बाद ‘जियो सिनेमा’पर कुंबले से कहा, ‘‘मेरे लिए जीवन उतार-चढ़ाव के बारे में रहा है और मेरे लिए सबसे बुरा दौर मेरे जीवन में 2018 और 2019 के बीच का चरण था। मैं आईसीसी का साल का सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर बना था और मैं दुनिया में शीर्ष पर था।
वहां से गर्त में जाना वास्तव में मेरे जीवन का सबसे बुरा समय था।’’ अश्विन ने कहा कि यह वह दौर था जब उन्हें नहीं पता था कि वह कभी क्रिकेट खेलने का लुत्फ उठा भी पाएंगे या नहीं। यह 2018 की बात है जब पेट की चोट के कारण अश्विन साउथम्पटन में स्पिन की पूरी तरह से अनुकूल पिच पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए और इंग्लैंड के खिलाफ भारत टेस्ट मैच हार गया।
वर्ष के अंत में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ श्रृंखला भी उतनी ही खराब थी क्योंकि एडीलेड में पहले टेस्ट में 86 ओवर फेंकने के बाद उन्होंने उस श्रृंखला में बाकी मैच नहीं खेले और तत्कालीन कप्तान विराट कोहली को उनसे सुधार करने का आग्रह करना पड़ा। हालांकि अश्विन ने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन यह वही दौर था जिसके बारे में उन्होंने बात की थी जब उन्हें नहीं पता था कि वापसी करने का तरीका क्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘आम तौर पर मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो जीवन के उतार-चढ़ाव से परेशान हो जाए क्योंकि जब मेरा दिन अच्छा होता है तो मैं बस अपने माता-पिता, अपनी पत्नी से बात करता हूं और अच्छी फिल्म देखता हूं और सो जाता हूं इसलिए जब प्रदर्शन खराब होता है तो मैं परेशान नहीं होता। मैं इसके बारे में सोचता हूं और हमेशा इसके दूसरे पहलू को सामने पाता हूं।’’
अश्विन ने कहा, ‘‘लेकिन वह मेरे लिए वास्तव में एक अंधेरी सुरंग थी क्योंकि मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या हुआ है और मैं वहां कैसे पहुंचा। और फिर मुझे कुछ चोटें लगी और यह बेहद बुरा दौर था और जब मैंने सोचा, मेरा करियर खत्म हो गया है।’’ हालांकि यह 2020 में कोविड-19 महामारी थी जिससे उन्हें अगले दो वर्षों में सोचने का समय मिला और उन्होंने फिर क्रिकेट के अपने प्यार को खोज लिया।
अश्विन ने कहा, ‘‘हम महामारी की चपेट में थे और इसने मुझे वास्तव में जीवन का अच्छा प्रतिबिंब दिया और मैं किसके लिए खेलना चाहता था, नए अर्थ ढूंढे। मैं इस खेल से प्यार करता हूं और मुझे लगता है कि मैंने इसके लिए प्यार खो दिया था और मुझे इसे फिर से खोजना पड़ा।’’ अश्विन ने यह स्वीकार करने में संकोच नहीं किया कि 500 विकेट बहुत मायने रखते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘देखिए मैं झूठ बोलूंगा अगर मैं कहूं कि 500 विकेट का कोई मतलब नहीं है। यह बहुत मायने रखता है।’’ अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 500 विकेट के आंकड़े को छूने वाले दुनिया के नौवें गेंदबाज हैं।
वर्ष 2011 में पदार्पण करने वाले अश्विन ने अपने 98वें टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की। चेन्नई के इंजीनियरिंग स्नातक अश्विन ने शीर्ष क्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरुआत की और ऑफ स्पिनर की भूमिका निभाने से पहले मध्यम गति की गेंदबाजी में भी हाथ आजमाया। किशोरावस्था में पीठ की चोट के कारण उन्हें स्पिन गेंदबाजी को अपनाना पड़ा।
कुंबले और हरभजन सिंह के युग के बाद अश्विन से काफी उम्मीदें थीं और उन्होंने निराश नहीं किया। उन्होंने अपने शुरुआती 16 टेस्ट मैच में नौ बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट लिए और सबसे तेज 300 विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। अश्विन ने छोटे प्रारूपों में भी अपनी योग्यता साबित की है। उन्होंने 116 एकदिवसीय मैचों में 156 विकेट जबकि 65 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 72 विकेट लिए हैं।