SA vs ENG: इंग्लैंड पर जीत में चमके दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज बावुमा ने कहा, 'हां, मैं अश्वेत हूं, यही मेरी त्वचा का रंग है'

Temba Bavuma: इंग्लैंड के खिलाफ केपटाउन वनडे में 98 रन बनाने वाले दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज तेंबा बावुमा ने जताई रंगभेद पर नाराजगी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: February 06, 2020 10:11 AM

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ठळक मुद्देतेंबा बावुमा ने इंग्लैंड के खिलाफ केपटाउन वनडे में खेली 98 रन की दमदार पारीतेंबा बावुमा ने रंगभेद को लेकर जारी बहस पर नाराजगी जताते हुए कहा, 'हां मैं अश्वेत हूं'

इंग्लैंड के खिलाफ केपटाउन में खेले गए पहले वनडे में 98 रन की दमदार पारी से दक्षिण अफ्रीका की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले तेंबा बावुमा ने स्वीकार किया है कि खुद को लगातार शरीर के रंग के चश्मे से देखे जाने ने उनको प्रभावित किया है। 

मंगलवार को खेले गए इस वनडे मैच में बावुमा ने दूसरे विकेट के लिए कार्यवाहक कप्तान क्विंटन डि कॉक (107) के साथ मिलकर 173 रन की साझेदारी करते हुए इंग्लैंड से मिले 259 रन के लक्ष्य के जवाब में दक्षिण अफ्रीका को 14 गेंदें बाकी रहते ही जीत दिला दी थी। हालांकि बावुमा महज दो रन से अपने दूसरे वनडे शतक से चूक गए।  

नस्लवाद पर भड़के तेंबा बावुमा, कहा, 'हां मैं अश्वेत हूं'

पिछले महीने दक्षिण अफ्रीकी टीम में वापसी करने वाले बावुमा ने ESPNcricinfo को दिए इंटरव्यू में कहा, 'ये बहुत मुश्किल रहा है। ये टीम से बाहर होने के बारे में नहीं है, सभी खिलाड़ी बाहर होते हैं, हर कोई रन बनाने के खराब दौर से गुजरता है। लेकिन जब आपको ट्रांसफॉर्मेशन की बहस में झोंका जाता है, वो मेरे लिए अजीब और असहज करने वाला होता है।'

बावुमा ने कहा, हां मैं अश्वेत हूं, ये मेरी त्वचा है। लेकिन मैं क्रिकेट खेलता हूं क्योंकि मैं इसे प्यार करता हूं। मैं टीम में अपने प्रदर्शन की वजह से हूं, मैंने जितना भी संभव हुआ है अपनी फ्रेंचाइजी और राष्ट्रीय टीम को आगे रखा है। असहजता तब होती है जब आपके चारों तरफ नकारात्मक बातें होती हैं। खिलाड़ी बाहर होते हैं, मैं बाहर होने वाला आखिरी खिलाड़ी नहीं हूं। ये ऐसी बात है, जिसे हमें स्वीकार करना होगा।

दक्षिण अफ्रीका के नियमों के मुताबिक, राष्ट्रीय टीम को हमेशा ही छह उनके रंगों के खिलाड़ियों को उतारना होगा, जिनमें दो अश्वेत अफ्रीकी शामिल हैं। बावुमा को सोशल मीडिया में अक्सर नस्लवादी टिप्पणियों का सामना करना पड़ता हैं क्योंकि कइयों का तर्क है कि उन्हें वर्तमान ट्रांसफॉर्मेशन लक्ष्य को पूरा करने के लिए टीम में जगह दी गई है। लेकिन इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि ट्रासफॉर्मेशन का विचार को लेकर उचित फैसला होना चाहिए।

इस अफ्रीकी बल्लेबाज ने कहा, एक चीज जो मुझे परेशान करती है, वह ये है कि जब आपको ट्रांसफॉर्मेशन के चश्मे से देखा जाता है। उन्होंने कहा, जब आप अच्छा करते हैं, तो ट्रांसफॉर्मेशन के बारे में नहीं बोला जाता है, लेकिन जब आप खराब खेलते हैं तो इसे सबसे आगे रख दिया जाता है। मुझे इससे बहुत समस्या है। 

 

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