युवराज सिंह का 'संन्यास' पर खुलासा, '2019 वर्ल्ड कप खेलना चाहता था, टीम मैनेजमेंट के यू-टर्न ने किया निराश'

Yuvraj Singh: टीम इंडिया के बाएं हाथ के स्टार बल्लेबाज रहे युवराज सिंह ने कहा है कि वह 2019 वर्ल्ड कप खेलना चाहते थे, लेकिन टीम मैनेजमेंट का व्यवहार निराशाजनक था

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 27, 2019 8:23 AM

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ठळक मुद्देयुवराज सिंह ने कहा, 'मैं 2019 वर्ल्ड कप खेलना चाहता था'2000 में भारत के लिए अपना डेब्यू करने वाले युवराज ने 2019 में लिया संन्यासयुवराज ने कहा, 'यो-यो टेस्ट पास करने के बावजूद टीम मैनेजमेंट ने लिया यू-टर्न'

टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने खुलासा किया है कि यो-यो टेस्ट पास करने के बावजूद भारतीय टीम में न चुने जाने से उन्हें झटका लगा था। 

युवराज ने अपने करियर के आखिरी दौर में भारतीय टीम मैनेजमेंट द्वारा उनसे बात न करने के लिए टीम मैनेजमेंट की भी कड़ी आलोचना की। युवराज ने 19 साल लंबे इंटरनेशनल करियर के बाद इस साल जून में वर्ल्ड कप के दौरान संन्यास ले लिया था।

युवराज ने की टीम मैनेजमेंट के व्यवहार की आलोचना

युवराज ने आज तक से बातचीत में अपने करियर और रिटायरमेंट के फैसले के बारे में जानकारी दी है।  युवराज ने कहा, 'कभी नहीं सोचा था कि चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के बाद जिन 8-9 मैचों में मैं खेला उनमें से दो में मैन ऑफ मैच रहने के बावजूद मुझे बाहर कर दिया जाएगा। मैं चोटिल हो गया और मुझे श्रीलंका सीरीज की तैयारी करने को कहा गया। फिर अचानक, यो-यो टेस्ट आ गया। ये मेरे चयन को लेकर यू-टर्न था। अचानकर ही 36 साल की उम्र में मुझे वापस जाकर यो-यो टेस्ट की तैयारी करनी पड़ी। यहां तक कि जब मैंने यो-यो टेस्ट भी पास कर लिया, तो मुझे कहा गया कि घरेलू क्रिकेट खेलो। उन्हें वास्तव में लगा था कि अपनी उम्र के कारण मैं यो-यो टेस्ट पास करने में सफल नहीं होऊंगा। इसके बाद मेरा पतन आसान होगा...हां आप कह सकते हैं कि ये बहाने बनाने का एक अभ्यास था।' 

इस स्टार बल्लेबाज ने कहा, 'ये 15-17 साल तक इंटरनेशनल खिलाड़ी के साथ बैठकर बात न करना दुर्भाग्यपूर्ण था। किसी ने मुझे नहीं बताया और न ही किसी ने वीरेंद्र सहवाग या जहीर खान को बताया। जो भी खिलाड़ी है, जो भी व्यक्ति कमान संभाल रहा हो उसे बैठकर खिलाड़ियों से बात करनी चाहिए कि हम युवाओं की तरफ देख रहे हैं और इसलिए ये कदम उठाया है। इस तरीके से आपको शुरू में बुरा लगता है, लेकिन कम से कम आप उन्हें मुंह पर सच बोलने का श्रेय तो दे सकते हैं-जोकि भारतीय क्रिकेट में नहीं होता है। ऐसा हमेशा से होता रहा है। मैंने इसे बड़े नामों के साथ होते देखा है। उस समय इसका बुरा लगा था लेकिन अब समय हर चीज से आगे बढ़ने का है तो मैंने इसके साथ सामंजस्य बना लिया है।'

2019 वर्ल्ड कप खेलना चाहता था: युवराज

हालांकि, युवराज ने कहा कि उन्होंने भारत के लिए 2019 वर्ल्ड कप में खेलने का सपना नहीं छोड़ा था। लेकिन घरेलू क्रिकेट में खराब प्रदर्शन और आईपीएल 2019 में मुंबई इंडियंस के लिए उनकी खराब फॉर्म ने उनका काम खराब ही किया। 

युवी ने कहा, 'हां, मैं 2019 वर्ल्ड कप खेलना चाहता था। 2015 वर्ल्ड कप में न खिलाए जाने पर अच्छा नहीं लगा था क्योंकि उस समय मैं रणजी ट्रॉफी में ढेरों रन बना रहा था। लेकिन ऐसे कई तथ्य थे जिन्हें मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। 2019 वर्ल्ड कप के पहले मैं 37 साल का था और कई चीजें मेरे पक्ष में नहीं गईं। मुझे लगा कि एक और वर्ल्ड कप मिस करने पर उदास होने के बजाय मैं जितनी क्रिकेट पहले ही खेल चुका हूं उसके लिए शुक्रगुजार होना चाहिए। मुझे खुशी है कि मैं सही समय पर रिटायर हो गया।'

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