Highlightsसहवाग ने कहा कि धोनी ने ड्रेसिंग रूम में अलग और मीडिया में दूसरी बात कहीधोनी ने 2012 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सचिन, सहवाग, गंभीर के साथ अपनाई थी रोटेशन नीति
खिलाड़ियों को बाहर करने के दौरान संवादहीनता के लिए वर्तमान टीम मैनेजमेंट की आलोचना के दौरान पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग ने खुलासा किया कि एमएस धोनी भी अपनी कप्तानी के दिनों में ड्रेसिंग रूम में उचित संवाद करने में असफल रहे थे।
सहवाग विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को लगातार बेंच पर बिठाए जाने के टीम मैनेजमेंट के फैसले से नाखुश हैं और उन्होंने इसके लिए पूर्व कप्तान एमएस धोनी का उदाहरण दिया।
सहवाग ने की धोनी की कप्तानी की आलोचना
सहवाग ने क्रिकबज के चैट शो में कहा कि 2012 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर धोनी ने कहा था कि टॉप ऑर्डर में सहवाग, सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर को इसलिए रोटेट किया जा रहा है क्योंकि वह धीमे फील्डर हैं, लेकिन यही बात उन्होंने कभी ड्रेसिंग रूम में नहीं कही।
इस पूर्व ओपनर ने कहा कि ड्रेसिंग में ये बात कही गई थी कि रोहित शर्मा को मौका देने के लिए रोटेशन पॉलिसी अपनाने की जरूरत पड़ी।
सहवाग ने कहा कि जब एमएस धोनी ने ऑस्ट्रेलिया में कहा कि टॉप थ्री धीमे फील्डर हैं, 'तो हमसे ना ही पूछा गया ना ही सलाह ली गई थी। हमें ये मीडिया से पता चला। उन्होंने (धोनी) प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम धीमे फील्डर हैं लेकिन टीम मीटिंग में ये नहीं कहा।'
सहवाग ने कहा, 'टीम मीटिंग में कहा गया कि हमें रोहित शर्मा को मौका देने की जरूरत है जो कि नए हैं और इसलिए रोटेशन पॉलिसी अपनाई जाएगी। अगर अब भी वही हो रहा है, तो ये गलत है।'
उन्होंने कहा, हमारे समय में, कप्तान खिलाड़ियों के पास जाकर बात करते थे। अब मैं नहीं जानता कि विराट कोहली ये करते हैं नहीं। मैं टीम सेट अप का हिस्सा नहीं हूं। लेकिन लोग कहते हैं कि जब रोहित शर्मा कप्तान के तौर पर एशिया कप में गए थे, तो वह सभी खिलाड़ियों से बात करते थे।'
पंत को ना खिलाए जाने पर भड़के सहवाग
पंत को न्यूजीलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के पहले चारों मैचों में मौका नहीं दिया गया। इसकी आलोचना करते हुए सहवाग ने कहा, ऋषभ पंत को बाहर कर दिया गया है तो वह रन कैसे बनाएंगे? अगर आप सचिन तेंदुलकर को बेंच पर बिठा देंगे, तो वह रन नहीं बना पाएंगे। अगर आपको लगता है कि वह (पंत) मैच-विनर हैं, तो आप उन्हें खिलाते क्यों नहीं?'