टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज ने कहा- कोहली को खल रही है इस गेंदबाज की कमी, औसत दर्जे की है भारतीय गेंदबाजी

विंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज के शुरुआती दोनों मुकाबले गेंदबाजों के लिए आसान नहीं रहे। सपाट पिच, ओस और खराब फील्डिंग ने उनके लिए हालात और मुश्किल कर दिए।

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 11, 2019 8:56 AM

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ठळक मुद्देभारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की सीरीज 1-1 की बराबरी पर है।सीरीज का आखिरी मैच 11 दिसंबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा।

क्रिस श्रीकांतदूसरे टी-20 मैच में वेस्टइंडीज को मिली जीत भारतीय टीम के लिए खतरे की घंटी की तरह रही। अब दोनों टीमों को निर्णायक मुकाबले में भिड़ना है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मुश्किल हालात किसी खिलाड़ी से उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कराते हैं। मुझे उम्मीद है कि भारतीय टीम का भी हर खिलाड़ी आगे बढ़कर अपनी-अपनी जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है।

वेस्टइंडीज की मुंबई से सुखद यादें जुड़ी हैं, खासकर टी20 प्रारूप से। वहीं भारतीय टीम भी ये दिखाने के लिए उत्सुक होगी कि उसकी गेंदबाजी की धार जसप्रीत बुमराह तक ही सीमति नहीं है। ये और बात है कि विराट कोहली बुमराह की सटीक गेंदबाजी और मारक गति को याद कर रहे होंगे।

सीरीज के शुरुआती दोनों मुकाबले गेंदबाजों के लिए आसान नहीं रहे। सपाट पिच, ओस और खराब फील्डिंग ने उनके लिए हालात और मुश्किल कर दिए। वहीं, भारतीय गेंदबाजी आक्रमण औसत दर्जे का नजर आया। इस लिहाज से जसप्रीत बुमराह ऐसे गेंदबाज हैं जो परिस्थितियों को गणना से बाहर कर देते हैं।

बुमराह जिस तरह का कोण बनाते हैं और शानदार यॉर्कर फेंकते हैं, उनकी इसी खूबी ने उन्हें ऐसा गेंदबाज बनाया है, जैसे कि वो आज हैं। उनके पास विविधता है, जो उनका स्वाभाविक हथियार है। अगर आप गौर करें तो बुमराह एक छोर से रनों का प्रवाह रोककर दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहे खिलाड़ियों की भी मदद करते हैं।

कप्तान मैच के दौरान किसी भी पल उनके चार ओवरों का इस्तेमाल कर सकता है। कप्तान के पास ये विकल्प ही बुमराह को सबसे मूल्यवान गेंदबाज बनाता है, जिसकी कमी टीम को खल भी रही है। पिच से भारतीय स्पिनरों को मदद नहीं मिल रही है इसलिए टीम के पास विचारों की कमी हो गई है।

वहीं, दूसरी ओर वेस्टइंडीज के बल्लेबाज इस बार बेहतर तैयारी के साथ आए हैं। मुझे युजवेंद्र चहल के खिलाफ ऑफ स्टंप के बाहर जाकर जगह बनाकर शॉट खेलने की मेहमान बल्लेबाजों की योजना अच्छी लगी। जहां तक बात भारतीय गेंदबाजी की है तो भले ही बुमराह और हार्दिक पंड्या की वापसी के बाद हालात बदलेंगे, लेकिन अन्य गेंदबाजों को भी आगे आकर जिम्मेदारी लेनी होगी।(क्रिसश्रीकांत एक पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी हैं और 1983 वर्ल्ड कप में टीम का हिस्सा थे।)

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