विराट कोहली का सुझाव, टेस्ट क्रिकेट में मार्केटिंग की जरूरत, ये सिर्फ खिलाड़ियों का काम नहीं

‘‘मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट की मार्केटिंग बेहद महत्वपूर्ण है जैसे कि हम एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय की करते हैं।"

By भाषा | Updated: November 25, 2019 13:45 IST2019-11-25T13:45:52+5:302019-11-25T13:45:52+5:30

Test cricket needs marketing like ODIs and T20s: Virat Kohli | विराट कोहली का सुझाव, टेस्ट क्रिकेट में मार्केटिंग की जरूरत, ये सिर्फ खिलाड़ियों का काम नहीं

विराट कोहली का सुझाव, टेस्ट क्रिकेट में मार्केटिंग की जरूरत, ये सिर्फ खिलाड़ियों का काम नहीं

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने रविवार को सुझाव दिया कि एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय की तरह आकर्षक मार्केटिंग से टेस्ट क्रिकेट को लेकर रोमांच पैदा करना जरूरी है जिससे कि पारंपरिक प्रारूप के प्रति प्रशंसकों की स्थापित मानसिकता को बदला जा सके। गुलाबी गेंद से खेले गए टेस्ट के प्रति जोरदार प्रतिक्रिया देते हुए करीब 50 हजार दर्शक भारतीय सरजमीं पर हुए पहले दिन-रात्रि टेस्ट को देखने पहुंचे। भारत ने सात सत्र के भीतर इस टेस्ट को पारी और 46 रन से जीता।

कोहली ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि टेस्ट क्रिकेट की मार्केटिंग बेहद महत्वपूर्ण है जैसे कि हम एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय की करते हैं। यह सिर्फ खिलाड़ियों का काम नहीं है लेकिन प्रबंधन, क्रिकेट बोर्ड और घरेलू प्रसारण भी इससे जुड़ा है कि लोगों को कोई विशेष प्रोडक्ट (श्रृंखला) कैसे दिखाया जाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप सिर्फ टी20 क्रिकेट के प्रति रोमांच पैदा करते हो और टेस्ट क्रिकेट को लेकर नहीं तो फिर प्रशंसकों की मानसिकता पहले ही तय हो जाती है।’’

कोहली ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को मजबूत करने की जरूरत है और उन्होंने प्रशंसकों विशेषकर स्कूली बच्चों से मैच के दौरान बातचीत का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगर टेस्ट क्रिकेट के प्रति पर्याप्त रोमांच पैदा किया जाता है तो फिर स्टेडियम में आते हुए अधिक उत्सुकता होगी। जैसा कि विदेशों में होता है। स्कूली बच्चों को लंच के दौरान टीम इंडिया से बातचीत का मौका दिया जा सकता है।’’

गुलाबी गेंद का सामना करने में बल्लेबाजों को परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन कोहली क्रीज पर लय में दिखे। कप्तान ने खुलासा किया कि मैच की पूर्व संध्या पर महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने उन्हें कुछ बदलाव करने का सुझाव दिया था।

कोहली ने कहा, ‘‘उन्होंने काफी रोचक पक्ष रखा कि गुलाबी गेंद से संभवत: आपको दूसरे सत्र को सुबह के सत्र की तरह देखना होगा जब अंधेरा घिर रहा होगा और गेंद स्विंग और सीम करना शुरू करेगी। इसलिए पहले सत्र में आपको लंच और चाय के बीच के सत्र की तरह खेलना होगा जो सामान्य है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अंतिम सत्र शाम के सत्र की तरह है। इसलिए आपकी रणनीति बदल जाती है, आपको पता है कब पारी घोषित करनी है, एक बल्लेबाज के रूप में सब कुछ बदल जाता है। इसलिए अगर आप टिके हुए हैं और अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं तो भी जैसे ही अंधेरा घिरेगा और लाइट जलेंगी, आप काफी जल्दी मुश्किल में घिर सकते हो।’’ 

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