ऑस्ट्रेलिया में हुई बेइज्जती पर सालों बाद छलका सुनील गावस्कर का दर्द, कहा- मुझसे बोला था दफा हो जाओ

सालों बाद सुनील गावस्कर ने एक बड़े राज से पर्जदा हटाया है। सुनील गावस्कर ने एक इंटरव्यू के दौरान 1981 के ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर कई बातों को याद किया।

By अमित कुमार | Updated: January 1, 2021 15:26 IST2021-01-01T14:53:03+5:302021-01-01T15:26:08+5:30

Sunil Gavaskar opens up about australian players on his infamous MCG walkout in 1981 | ऑस्ट्रेलिया में हुई बेइज्जती पर सालों बाद छलका सुनील गावस्कर का दर्द, कहा- मुझसे बोला था दफा हो जाओ

1981 में ऑस्ट्रेलियाई मैदान पर खेले गए एक मैच के दौरान सुनील गावस्कर। (फोटो सोर्स- ट्विटर)

Highlights1981 में सुनील गावस्‍कर गलत आउट दिए जाने के बाद नाराज होकर पवेलियन लौट आए थे। गावस्कर अपने साथ साथी खिलाड़ी चेतन चौहान को भी वापस ड्रेसिंग रूम में बुला लिया था।इस मैच को याद करते हुए सुनील गावस्कर ने कई पुरानी बातों को याद किया।

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने हाल ही में 1981 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेले गए एक मैच को लेकर खुलासा किया है। भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए 1981 के एमसीजी टेस्ट के दौरान डेनिस लिली के ओवर में एलबीडब्ल्यू आउट दिए जाने के बाद सुनील गावस्कर मैदान छोड़कर चले गए थे। सुनील गावस्कर अंपायर के फैसले से निराश थे और वह अपने साथी खिलाड़ी चेतन चौहान के साथ मैदान से बाहर चले गए।  

ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व गेंदबाज डेमियन फ्लेमिंग के साथ बातचीत में गावस्‍कर ने इस घटना का जिक्र करते हुए कई और बातों को शेयर किया। गावस्कर के मुताबिक गेंद उनके पैड पर लगने से पहले बैट पर लगी थी यानि कि वो आउट नहीं थे। अब इस पर  गावस्कर ने कहा कि मेरे बल्ले का अंदरूनी किनारा लगा था, जैसा कि आप फॉरवर्ड शॉर्ट लेग से देख सकते थे। उसने कुछ नहीं किया, वो हिला भी नहीं, डेनिस ने मुझसे कहा कि गेंद वहां लगी है और मैं ये कहने की कोशिश कर रहा था कि नहीं मैंने गेंद को हिट किया है और फिर मैंने चेतन को अपने साथ वापस चलने के लिए कहा।

उन्होंने अपनी बात को आगे जारी रखते हुए कहा कि लोगों को ये गलतफहमी है कि मैं एलबीडब्ल्यू के फैसले से नाराज था। हां, ये निराशाजनक था लेकिन वॉकऑफ हुआ क्योंकि जैसे मैं चेतन के पास से होकर ड्रेसिंग रूम की तरफ जा रहा था, तब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मुझे अपशब्द कह रहे थे। वो मुझे जाने के लिए कह रहे थे, और वहां पर मैं वापस लौटा और चेतन को अपने साथ चलने के लिए कहा।

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