28 साल पहले साउथ अफ्रीका को वर्ल्ड कप में मिला था 1 गेंद में 21 रनों का लक्ष्य, जानें क्यों हुआ था ऐसा

साल 1992 के आईसीसी वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीकी टीम को इंग्लैंड के खिलाफ 1 गेंद में 21 रनों का लक्ष्य मिला था।

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 6, 2020 11:22 AM2020-03-06T11:22:22+5:302020-03-06T11:25:09+5:30

South Africa got the target of 21 runs in 1 ball in 1992 World Cup against England, Know full detail | 28 साल पहले साउथ अफ्रीका को वर्ल्ड कप में मिला था 1 गेंद में 21 रनों का लक्ष्य, जानें क्यों हुआ था ऐसा

साउथ अफ्रीका को 1992 वर्ल्ड कप में 1 गेंदो पर 21 रन बनाने का लक्ष्य मिला था। (Photo Source: Youtube Screengrab)

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Highlightsसाउथ अफ्रीका को तब 1 गेंदो पर 21 रन बनाने का लक्ष्य मिला था। इसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम हारकर 1992 वर्ल्ड कप से बाहर हो गई थी।

किरण मोघे: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने गुरुवार को सिडनी में बारिश के कारण बिना एक भी गेंद खेले इंग्लैंड को हराकर आईसीसी महिला टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में प्रवेश कर लिया।

क्रिकेट और वर्ल्ड कप के पन्नों को पलटकर देखें तो लगता है कि इतिहास दोहराया गया है। तब आईसीसी वर्ल्ड कप 1992 में इंग्लैंड ने बारिश से प्रभावित मैच में दक्षिण अप्रीका को हराया था और इस बार इंग्लैंड को हार मिली है।

तब साउथ अफ्रीका को तब 1 गेंदो पर 21 रन बनाने का लक्ष्य मिला था। अब आज इंग्लैंड की टीम बिना एक भी गेंद खेले नियमों के चलते वर्ल्ड कप से बाहर हो गई। संयोग से दोनों ही मुकाबले सिडनी में ही खेले गए थे। फर्क सिर्फ इतना है कि वह पुरुषो का वनडे वर्ल्ड कप था और यह महिलाओं का टी20 वर्ल्ड कप।

22 मार्च 1992 (सिडनी)

वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में जब बारिश के कारण पहली बार खेल थमा तो साउथ अफ्रीका के सामने 13 गेंदों पर 21 रनों का लक्ष्य था। हालांकि स्कोर बोर्ड पर 13 गेंदों पर 22 रन का लक्ष्य दिखाया जा रहा था। 10 मिनट बाद जब खिलाड़ी मैदान पर लौटे तो स्क्रीन पर था एक गेंद पर 21 रन का लक्ष्य।

साउथ अफ्रीका को निर्धारित वक्त में केवल 45 ओवर ही फेंक पाने के कारण 'लोवेस्ट-स्कोरिंग-ओवर रेन' नियम का शिकार होना पड़ा। इंग्लैंड के 6 विकेट पर 252 रन के स्कोर का साउथ अफ्रीका जोरदार तरीके से पीछा कर रही थी कि बारिश आ गई और साउथ अफ्रीका वर्ल्ड कप से बाहर हो गई।

5 मार्च 2020 (सिडनी)

भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबले में बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। चूंकि भारतीय टीम ने अपने ग्रुप में टॉप किया था, इसलिए नियमों के चलते वह फाइनल में पहुंच गई और इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड कप से बाह हो गई।

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