उनके लिए युवराज ने कहा था, 'ऐसे कप्तान के लिए मरने को तैयार हूं', जानें सौरव गांगुली से जुड़ी 10 रोचक बातें

Sourav Ganguly turns 46: क्रिकेट इतिहास के महानतम कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं

By अभिषेक पाण्डेय | Published: July 08, 2018 10:15 AM

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भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदलने वाले गांगुली का जन्म 08 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था। गांगुली ने अपने 12 साल लंबे क्रिकेट करियर में करीब पांच सालों तक टीम इंडिया की कप्तानी और उसे 'सिर्फ घर में जीतने वाली टीम' के ठप्पे से बाहर निकालते हुए विदेशी धरती पर जीत हासिल करने वाली टीम में बदल दिया। 

गांगुली का जन्म बंगाल के प्रभावशाली परिवार में हुआ था। उनके पिता एशिया में तीसरा सबसे बड़ा की प्रिटिंग बिजनेस चलाते थे। गांगुली के बेहला स्थित घर में उनके संयुक्त परिवार के 30 सदस्य रहते थे और उस घर में 45 कमरे हैं। गांगुली को 'महाराजा' निकनेम उनके माता-पिता ने दिया था। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ज्यॉफ्री आर्चर ने उन्हें 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' नाम दिया था। 

गांगुली को कई युवा खिलाड़ियों को मौका देने का श्रेय जाता है, जो आगे चलकर भारतीय क्रिकेट के बड़े स्टार बने, इनमें वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, हरभजन सिंह, जहीर खान और एमएस धोनी जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। युवराज सिंह ने एक बार कहा था कि, 'ऐसे कप्तान के लिए तो मरने के लिए तैयार हूं।'

गांगुली ने अपने करियर में 311 वनडे में 7212 रन और 113 टेस्ट में 11363 रन बनाए, इसके अलावा उन्होंने 254 प्रथम श्रेणी मैचों में 15687 रन बनाए। गांगुली ने 49 टेस्ट और 147 वनडे मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की। गांगुली ने अपना इंटरनेशनल डेब्यू 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ किया था और उन्होंने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्रिकेट को अलविदा कह दिया।

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आइए जानें इस महान कप्तान से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें, जो आप नहीं जानते होंगे।

1. सौरव गांगुली भले ही बाएं हाथ के बल्लेबाज हों लेकिन वह दाएं हाथ से लिखते हैं, दाएं हाथ से गेंदबाजी करते हैं, यानी वह आम जीवन में राइट हैंड वाले व्यक्ति हैं। लेकिन अपने बड़े भाई स्नेहाशीष के क्रिकेट किट का उपयोग करने के लिए गांगुली न बाएं हाथ से बैटिंग शुरू की थी और फिर बाएं हाथ के बल्लेबाज ही बन गए।

2.सौरव गांगुली को बंगाल रणजी टीम में उनके बड़े भाई स्नेहाशीष की जगह शामिल किया गया था।

3.1996 में इंग्लैंड दौरे से वापस आने के बाद गांगुली अपनी बचपन की दोस्त डोना के साथ घर से भाग गए थे। हालांकि बाद में दोनों परिवार शादी के लिए मान गए और 21 फरवरी 1997 में दोनों की शादी हो गई।

4.कहा जाता है कि सौरव गांगुली बहुत ही धार्मिक व्यक्ति हैं और हर मंगलवार व्रत रखते हैं।

5.कोलकाता के पास स्थिति उत्तर 24 परगना के राजरहाट में 1.5 किलोमीटर लंबी सड़क का नाम सौरव गांगुली के नाम पर रखा गया है। गांगुली ने खुद इस सड़का का उद्घाटन किया था। पढ़ें: महानतम कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली हुए 46 के, सोशल मीडिया में 'दादा' पर शुभकामनाओं की बारिश

6.सौरव गांगुली को 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में अपने टेस्ट डेब्यू का मौका इसलिए मिला क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू तब के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन के खराब व्यवहार से नाराज होकर दौरा बीच में ही छोड़कर स्वदेश वापस लौट गए थे।

7.सौरव गांगुली ने अपना इंटरनेशनल क्रिकेट डेब्यू 1992 में ही कर लिया था, लेकिन कथित तौर पर उनके 'रवैये' की वजह से उन्हें कई सालों तक मौका नहीं मिला। कहा जाता है उस दौरे पर गांगुली ने 12वें खिलाड़ी के तौर पर मैदान में ड्रिंक्स लेने जाने से मना कर दिया था।

8. सौरव गांगुली के नाम वनडे में एक कैलैंडर साल में छह बार 1000 से ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है।

9.गांगुली ने 1992 में भारतीय टीम से बाहर होने के बाद प्रैक्टिस के लिए अपने घर में ही बॉलिंग मशीन लगवा ली थी।

10.गांगुली के कहने पर तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने संन्यास लेने के बावजूद तीन बार वापसी की थी। 

टॅग्स :सौरव गांगुलीहैप्पी बर्थडे

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