सौरव गांगुली ने दिए 'क्रिकेट अडवायजरी कमिटी' से हटने के संकेत, लोकपाल से मिला है हितों के टकराव का 'नोटिस'

Sourav Ganguly: पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने लोकपाल से मिले नोटिस के बाद क्रिकेट अडवायजरी कमिटी (सीएसी) का पद छोड़ने के संकेत दिए हैं

By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 17, 2019 01:40 PM2019-04-17T13:40:16+5:302019-04-17T13:40:16+5:30

Sourav Ganguly indiacates to step down as CAC Member To Avoid Conflict Of Interest | सौरव गांगुली ने दिए 'क्रिकेट अडवायजरी कमिटी' से हटने के संकेत, लोकपाल से मिला है हितों के टकराव का 'नोटिस'

लोकपाल से नोटिस मिलने के बाद गांगुली ने जताई सीएसी छोड़ने की इच्छा

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सौरव गांगुली ने संकेत दिए हैं कि वह क्रिकेट अडवाजयरी कमिटि (सलाहकार समिति) से इस्तीफा देने के इच्छुक हैं। गांगुली को मंगलवार को बीसीसीआई लोकपाल जस्टिन (रिटायर्ड) डीके जैन द्वारा हितों के टकराव के मामले में नोटिस जारी किया गया है। 

गांगुली को ये नोटिस बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष और आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के सलाहकार पद को लेकर उनकी दोहरी भूमिका के लिए जारी किया गया है। 

सीएसी के सदस्यों में गांगुली के अलावा सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण भी शामिल हैं, जो क्रमश: मुंबई इंडियंस और सनराइजर्स हैदराबाद के लिए मेंटर की भूमिका निभा रहे हैं।

सीएसी के पद से इस्तीफा क्यों देना चाहते हैं गांगुली?

सूत्रों के मुताबिक, सौरव गांगुली का काफी हद तक मानना है कि उनकी भूमिका को लेकर हितों के टकराव का मामला नहीं बनता है। लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान ने संकेत दिए हैं कि वह सीएसी के सदस्य पद से इस्तीफा देने के इच्छुक हैं।

सूत्र के मुताबिक, 'सौरव गांगुली ने सीएसी की आखिरी बैठक में 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद रवि शास्त्री की कोच पद पर नियुक्ति के दौरान हिस्सा लिया था। वास्तव में, हाल में इस कमिटी की एक भी बैठक नहीं हुई है और वह (गांगुली) इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि अगर जरूरी हुआ तो हितों के टकराव के सवाल से बचने के लिए वह इस भूमिका से इस्तीफा दे देंगे। भले ही हितों के टकराव को लेकर उनका रुख अपरिवर्तित रहा हो, लेकिन वह इस बात पर चर्चा के लिए लोकपाल से मिलेंगे।'

बंगाल के तीन याचिकाकर्ताओं भाष्वती संतुआ, रंजीत सील और अभिजीत मुखर्जी द्वारा हितों के टकराव के सवाल को लेकर उठाए गए सवालों के बाद डीके जैन ने गांगुली को उनके सामने 20 अप्रैल को पेश होने का समन जारी किया था। 

इन तीनों याचिकाकर्ताओं ने सवाल उठाया था कि सीएबी का अध्यक्ष होने के बावजूद कैसे गांगुली को 12 अप्रैल को ईडन गार्डंस में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ मैच में दिल्ली कैपिटल्स के डग आउट में बैठने की इजाजत दी गई।

रोचक बात ये है कि प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के जरिए लोकपाल से आग्रह किया था कि अपने हितों का पूरा खुलासा करने पर गांगुली को दिल्ली कैपटिल्स सलाहकार पद पर काम करने की इजाजत मिलनी चाहिए। 

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