सौरव गांगुली ने बताई धोनी को नंबर 3 पर भेजने की वजह, कहा, 'सचिन तब सचिन नहीं बनते अगर वह नंबर 6 पर खेलते'

Sourav Ganguly, Sachin, Dhoni: पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने धोनी को उनके करियर के शुरुआती दिनों में बैटिंग के लिए नंबर 3 पर भेजने की वजह का खुलासा करते हुए दिया सचिन का उदाहरण

By अभिषेक पाण्डेय | Updated: August 23, 2020 16:51 IST2020-08-23T16:50:48+5:302020-08-23T16:51:02+5:30

Sourav Ganguly explains why he sent MS Dhoni at No.3 by Giving Sachin Tendulkar example | सौरव गांगुली ने बताई धोनी को नंबर 3 पर भेजने की वजह, कहा, 'सचिन तब सचिन नहीं बनते अगर वह नंबर 6 पर खेलते'

गांगुली ने कहा कि अगर सचिन वनडे में नंबर 6 पर ही खेलते तो इतने महान नहीं बनते (Twitter)

Highlightsएमएस धोनी ने 2004 में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारत के लिए किया था डेब्यूगांगुली ने ही 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम वनडे में धोनी को नंबर 3 पर उतारा था

सचिन तेंदुलकर का उदाहरण देते हुए पूर्व भारतीय कप्तान और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा कि एमएस धोनी ने जब भारत के लिए खेलना शुरू किया तो उन्हें बैटिंग क्रम में ऊपर भेजना जरूरी था, ताकि वह पूरी आजादी से अपने शॉट खेल सकें।

जब धोनी ने भारत के लिए अपना डेब्यू किया तो गांगुली कप्तान थे। कुछ मैचों में धोनी के हल्के प्रदर्शन के बाद गांगुली ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में धोनी को नंबर 3 पर भेजने का फैसला किया। धोनी ने भरोसे पर खरा उतरते हुए 148 रन की तूफानी पारी खेलते हुए भारत को दमदार जीत दिलाई और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा।

गांगुली ने सचिन का उदाहरण दिया और कहा कि वह इतने महान खिलाड़ी नहीं बन पाते अगर वह वनडे में नंबर 6 पर बैटिंग करते रहते। सचिन ने अपने करियर के पहले पांच साल मिडिल ऑर्डर में बैटिंग की और 1994 में भारत के न्यूजीलैंड दौरे पर उन्हें पारी शुरू करने का मौका दिया गया था।

धोनी ने <a href='https://www.lokmatnews.in/topics/sourav-ganguly/'>सौरव गांगुली</a> की कप्तानी में किया था भारत के लिए डेब्यू (File Pic)
धोनी ने सौरव गांगुली की कप्तानी में किया था भारत के लिए डेब्यू (File Pic)

गांगुली ने बताई धोनी को बैटिंग के लिए नंबर 3 पर भेजने की वजह

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, गांगुली ने स्पोर्ट्स तक से कहा, 'उन्हें (धोनी) विशाखापत्तनम में नंबर 3 पर बैटिंग करने का मौका मिला, उन्होंने शानदार शतक बनाया और उन्हें जब भी ज्यादा ओवर खेलने का मौका मिला, उन्होंने बड़ा स्कोर बनाया। तेंदुलकर इतने महान नहीं बनते अगर वह नंबर 6 पर बैटिंग करते रहते क्योंकि आपको काफी कम गेंदें खेलने को मिलती हैं। 

बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा कि वह ऊपरी क्रम में खेलने की धोनी की क्षमता के बारे में जानते थे क्योंकि इस पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने गांगुली की टीम के लिए खेलते हुए चैलेंजर ट्रॉफी में शतक लगाया था।

गांगुली ने कहा, 'चैलेंजर ट्रॉफी हुई थी, उन्होंने ओपनिंग करते हुए मेरी टीम के लिए शतक लगाया था, इसलिए मैं जानता था।'

धोनी ने 15 अगस्त को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया, उन्होंने भारत के लिए 538 इंटरनेशनल मैचों में 17 हजार से अधिक रन बनाए।

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