शशांक मनोहर आईसीसी चेयरमैन के दूसरे कार्यकाल के लिए निर्विरोध निर्वाचित

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का फिर से स्वतंत्र चेयरमैन चुना गया है।

By भाषा | Published: May 15, 2018 10:59 PM

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दुबई, 15 मई। बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का फिर से स्वतंत्र चेयरमैन चुना गया है। उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए निर्विरोध निर्वाचित किया गया। मनोहर को 2016 में पहली बार आईसीसी का स्वतंत्र चेयरमैन चुना गया था और अब निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद वह अगले दो साल तक इस पद पर बने रहेंगे।

चुनाव प्रक्रिया के अनुसार आईसीसी निदेशकों में से प्रत्येक को एक उम्मीद्वार को नामित करने की अनुमति होती है। उम्मीद्वार वर्तमान या पूर्व आईसीसी निदेशक होना चाहिए।

जिस नामित को दो या इससे अधिक निदेशकों का समर्थन मिलता है वह चुनाव लड़ने के योग्य माना जाता है। लेकिन मनोहर के मामले में वह नामित किए जाने वाले अकेले उम्मीद्वार थे और चुनाव प्रक्रिया को देख रहे ऑडिट कमेटी के चेयरमैन एडवर्ड क्विनलैन ने प्रक्रिया पूर्ण होने और मनोहर के सफल उम्मीद्वार होने की घोषणा की।

मनोहर का दूसरे कार्यकाल के लिए चुना जाना पिछले महीने कोलकाता में आईसीसी की तिमाही बैठक में ही तय हो गया था, क्योंकि उनकी उम्मीद्वारी का किसी ने विरोध नहीं किया था।

पिछले दो वर्षों में मनोहर ने खेल में कई महत्वपूर्ण सुधार किए। उन्होंने 2014 के प्रस्ताव को पलट दिया था। संशोधित शासन ढांचा लागू किया जिसमें आईसीसी की पहली स्वतंत्र महिला निदेशक की नियुक्ति भी शामिल है।

मनोहर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद का फिर से चेयरमैन चुना जाना सम्मान है तथा मैं अपने सहयोगी आईसीसी निदेशकों का उनके समर्थन के लिये आभार व्यक्त करता हूं। पिछले दो वर्षों में हमने मिलकर आगे कदम बढ़ाये हैं और मैंने 2016 में नियुक्ति के समय जो वादे किये थे उन्हें पूरा किया है। मनोहर ने कहा कि आईसीसी की योजना खेल के लिये वैश्विक रणनीति तैयार करने की है। 

उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में हम अपने सदस्यों की भागीदारी से खेल के लिये वैश्विक रणनीति जारी करने पर ध्यान दे सकते हैं जिससे हम खेल को आगे बढ़ा सके और यह सुनिश्चित कर सकें कि दुनिया के अधिक से अधिक लोग क्रिकेट का लुत्फ उठायें। खेल बहुत अच्छी स्थिति में है लेकिन हम इसके अभिभावक हैं और हमें इसे बरकरार रखने के लिये कड़ी मेहनत जारी रखनी होगी।

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