नई दिल्ली: क्रिकेट के मैदान पर भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला हमेशा से फैंस के लिए आकर्षण रहा है। मैदान पर इसका दबाव कई बार खिलाड़ियों पर भी दिखा है। मैदान पर भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों के बीच बहस की जब भी बात होती तो गौतम गंभीर और शाहिद अफरीदी का किस्सा सभी को याद आ जाता है। हालांकि, अब पाकिस्तान के स्टार स्पिन गेंदबाज रहे शकलैन मुश्ताक ने सचिन तेंदुलकर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया है।
पाकिस्तान यूट्यूबर नादिर अली के पोडकास्ट में शकलैन ने कना़डा में सहारा कप के दौरान का एक किस्सा सुनाया है। मुश्ताक ने कहा, 'मेरी एक बार सचिन के साथ एक घटना हुई थी। हम कनाडा गए थे। मैं इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने के बाद वहां पहुंचा था। मेरी उम्र तब काफी कम थी और मैं गेंदबाजी की अपनी दुनिया में था। इसलिए काउंटी खेलने के बाद मैं थोड़ा अहंकारी हो गया था।'
सचिन तेंदुलकर को स्लेजिंग करना पड़ा भारी, मिला ऐसा जवाब
मुश्ताक ने बताया वह एक मैच में सचिन के पास गए थे और उनकी पारी की शुरुआत में ही उन्हें परेशान करने की कोशिश करते हुए कुछ कठोर शब्दों का इस्तेमाल करते हुए स्लेज किया। हालांकि, सचिन की प्रतिक्रिया उनकी उम्मीद के एकदम उलट रही। मुश्ताक ने बताया कि सचिन उनके पास गए और कहा कि उन्हें उनसे इस व्यवहार की उम्मीद कतई नहीं थी।
मुश्ताक के अनुसार सचिन ने कहा, 'सकी..मैंने कभी नहीं सोचा था कि तुम ऐसा करोगे। और तुम उस तरह के शख्स भी नहीं लगते जो इस तरह के शब्द कहते हैं। मुझे लगा कि तुम बहुत सभ्य व्यक्ति हो।'
मुश्ताक ने आगे कहा, 'उन्होंने यह बातें इतनी अच्छी तरह से कही और अगले करीब चार ओवरों तक मैं उन्हीं की बात के बारे में सोचता रहा। उनके शब्दों ने मुझे प्रभावित किया। उन्होंने मुझसे जो कहा उससे मैं इतना उलझ गया कि इससे पहले कि मैं महसूस कर पाता, उन्होंने अपना काम कर दिया था। वह बल्लेबाजी करते हुए क्रीज पर सेट हो गए थे।'
गेंद फेंकने से पहले ही 'दूसरा' पढ़ लेते थे सचिन: मुश्ताक
'दूसरा' गेंद फेंकने के जनक माने जाने वाले सकलैन मुश्ताक ने कहा कि उन्हें लगता है कि तेंदुलकर ऐसी गेंद को पकड़ने वाले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक थे। उन्होंने कहा, 'सचिन की आंख भगवान की देन है क्योंकि वह मेरी गेंद को मेरे फेंकने से पहले ही पढ़ लेते हैं और उनके पैरों की मूवमेंट बेदाग थी। तेंदुलकर की आंख तेज थी। राहुल (द्रविड़) भी बहुत अच्छे थे, अजहर पाजी भी।'