2011 वर्ल्ड कप में सचिन को आउट नहीं कर पाने की निराशा से उबर नहीं पाया है ये पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर, कहा, 'उनकी पारी ने पैदा किया था अंतर'

Saeed Ajmal: पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर सईद अजमल ने कहा कि वह अब भी 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में सचिन का विकेट नहीं मिल पाने की निराशा से उबर नहीं पाए हैं

By भाषा | Updated: April 28, 2020 12:26 IST2020-04-28T12:25:41+5:302020-04-28T12:26:03+5:30

Saeed Ajmal still disappointed for missing Sachin Tendulkar wicket in the lost 2011 World Cup semifinal | 2011 वर्ल्ड कप में सचिन को आउट नहीं कर पाने की निराशा से उबर नहीं पाया है ये पूर्व पाकिस्तानी स्पिनर, कहा, 'उनकी पारी ने पैदा किया था अंतर'

सईद अजमल ने कहा कि वह 2011 वर्ल्ड कप में सचिन का विकेट नहीं ले पाने की निराशा से उबर नहीं पाए हैं

Highlightsयह सीधी गेंद थी और विकेटों के आगे उनके पैड से टकरायी थी, मुझे पूरा विश्वास था कि सचिन आउट हैं: अजमलसबसे अधिक निराशा यह रही कि हम सेमीफाइनल में हार गये, निश्चित तौर पर सचिन के 85 रन ने अंतर पैदा किया: अजमल

कराची: पाकिस्तान के पूर्व ऑफ स्पिनर सईद अजमल विश्व कप 2011 में भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में सचिन तेंदुलकर का विकेट नहीं मिल पाने की निराशा से अब तक नहीं उबर पाये हैं क्योंकि उन्हें आज भी लगता है कि उन्होंने भारतीय स्टार को आउट कर दिया था। इंग्लैंड के अंपायर इयान गोल्ड ने भी हाल में कहा था कि तेंदुलकर तब आउट थे लेकिन तीसरे अंपायर ने उनका फैसला पलट दिया था।

तेंदुलकर ने मोहाली में खेले गये सेमीफाइनल में 85 रन बनाये थे जिससे भारत यह मैच जीतने में सफल रहा था। तेंदुलकर जब 23 रन पर खेल रहे थे तब गोल्ड ने अजमल की गेंद पर उन्हें पगबाधा आउट दे दिया था लेकिन तीसरे अंपायर बिली बोडेन ने ‘रिव्यू’ के बाद इसे पलट दिया था।

अजमल ने कहा, 2011 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में 'आउट' थे सचिन

आईसीसी एलीट पैनल के सदस्य रहे गोल्ड ने हाल में कहा था कि वह तेंदुलकर को आउट देने के अपने फैसले पर कायम हैं। अजमल ने उस घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘यह सीधी गेंद थी और विकेटों के आगे उनके पैड से टकरायी थी। मुझे पूरा विश्वास था कि वह आउट हैं। शाहिद अफरीदी, कामरान अकमल, वहाब रियाज और अन्य खिलाड़ियों ने मुझसे पूछा था कि क्या वह (तेंदुलकर) आउट हैं और मैंने कहा कि हां उनकी पारी समाप्त हो गयी है।’’

उन्होंने कहा कि जब तीसरे अंपायर ने फैसला बदला तो उनका दिल टूट गया था। अजमल ने कहा, ‘‘मुझे टेस्ट मैचों में कभी उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला इसलिए मुझे जब भी सीमित ओवरों की क्रिकेट में उनके खिलाफ खेलने का मौका मिलता था तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था।’’

उन्होंने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘सबसे अधिक निराशा यह रही कि हम सेमीफाइनल में हार गये और निश्चित तौर पर तेंदुलकर के 85 रन ने अंतर पैदा किया था।’’ अजमल ने कहा, ‘‘यहां तक कि आज भी तीसरे अंपायर का फैसला मुझे हैरान कर देता है। लेकिन उस दिन भाग्य उनके साथ था और उन्होंने अपनी टीम के लिये महत्वपूर्ण पारी खेली।’’

पाकिस्तान की तरफ से 35 टेस्ट, 113 वनडे और 64 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले अजमल ने कहा कि तीसरे अंपायर के फैसला पलटने से गोल्ड भी निराश थे। इस ऑफ स्पिनर का करियर हालांकि बांग्लादेश दौरे के बाद बीच में ही समाप्त हो गया। उनके गेंदबाजी एक्शन की 2014 में रिपोर्ट की गयी थी। वह इसमें सुधार नहीं कर पाये और 2017 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। 

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