सचिन तेंदुलकर ने अपने गुरु रमाकांत आचरेकर की पुण्यतिथि पर दी भावुक श्रद्धांजलि, उनसे ही सीखी थी क्रिकेट की एबीसीडी

Sachin Tendulkar, Ramakant Achrekar: सचिन तेंदुलकर ने अपने दिवंगत कोच रमाकांच आचरेकर को उनकी पहली पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 02, 2020 3:48 PM

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ठळक मुद्देसचिन के कोच रमाकांत आचरेकर का 2 जनवरी 2019 को हुआ था निधनसचिन ने अपने गुरु की पहली पुण्यतिथि पर उनके नाम शेयर किया एक भावुक संदेश

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने एक भावुक संदेश के साथ अपने दिवंगत कोच रमाकांत आचरेकर को उनकी पहली पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी। सचिन ने ट्विटर पर अंग्रेजी और मराठी में किए गए ट्वीट में लिखा, 'आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे, आचरेकर सर!'

सचिन ने अपने इस ट्वीट में आचरेकर के साथ अपनी एक पुरानी तस्वीर भी शेयर की है। आचरेकर का पिछले साल 2 जनवरी को मुंबई में निधन हो गया था। 

द्रोणाचार्य अवॉर्ड विजेता रमाकांच आचरेकर ने सचिन के अलावा कई बेहतरीन खिलाड़ियों, जिनमें विनोद कांबली और प्रवीण आमरे शामिल हैं, को दादर स्थित शिवाजी पार्क में ट्रेनिंग दी थी।  

विनोद कांबली ने भी दी आचरेकर को श्रद्धांजलि

विनोद कांबली ने आचरेकर की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'कोई भी मेंटर आपके जितना अविश्वसनीय नहीं हो सकता है क्योंकि आपने न केवल मुझे सर्वश्रेष्ठ तरीके से क्रिकेट खेलना सिखाया बल्कि असल जिंदगी के पाठ भी पढ़ाए। मैं आपको बहुत मिस करता हूं, आचरेकर सर!' 

आचरेकर के निधन पर सचिन ने शेयर किया था भावुक संदेश

आचरेकर से क्रिकेट का ककहरा सीखने वाले तेंदुलकर उनकी मौत के पहले तक हमेशा उनके करीबी रहे। उनके निधन के बाद सचिन आचरेकर के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे और उनके नाम एक इमोशनल संदेश साझा किया था।

सचिन ने आचरेकर के निधन पर लिखा था, 'आचरेकर सर की मौजूदगी में स्वर्ग में भी क्रिकेट और समृद्ध होगा।'

सचिन ने कहा था, 'उनके कई छात्रों की तरह मैंने सर करे मार्गदर्शन में ही क्रिकेट की एबीसीडी सीखी थी। मेरी जिंदगी में उनके योगदान को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने उस नींव का निर्माण किया, जिस पर मैं खड़ा हूं।'

एक खिलाड़ी के तौर पर आचरेकर केवल एक प्रथम श्रेणी मैच खेले थे, लेकिन उन्हें सचिन के क्रिकेट करियर को निखारने का श्रेय जाता है। वह बचपन में सचिन को कई बार अपने स्कूटर पर बिठाकर स्टेडियम ले जाया करते थे।

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