SA vs IND, 3rd ODI: शतक पर गर्व, जीत के बाद खुशी और बढ़ी, संजू ने कहा- तीन चार महीने मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण थे, अब राहत

SA vs IND, 3rd ODI: भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने कहा कि पिछले तीन चार महीने उनके लिये मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण थे लेकिन उन्होंने खुद पर काफी मेहनत की और पहला वनडे शतक बनाकर वापसी कर सके।

By सतीश कुमार सिंह | Published: December 22, 2023 01:46 PM2023-12-22T13:46:31+5:302023-12-22T13:47:39+5:30

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Highlightsसंजू ने कहा कि इस पर गर्व है। जीत के बाद खुशी और बढ़ गई।तिलक वर्मा ने आगे कदम बढ़ाया है, उनसे बहुत अधिक उम्मीदें हैं। बीच-बीच में यात्रा करना और हर 2-3 दिन में खेलना, लेकिन वे काम पूरा कर रहे हैं।

SA vs IND, 3rd ODI: भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन ने कमाल करते हुए पहला शतक बनाकर शानदार जश्न मनाया। सैमसन को मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी दिया गया। 114 गेंद में 108 रन की पारी खेली, जिसमें 3 छक्के और 6 चौके शामिल हैं। संजू ने कहा कि इस पर गर्व है। जीत के बाद खुशी और बढ़ गई।

पिछले कुछ महीनों से ही नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत कर रहा हूं इसलिए यह अच्छा है। यह प्रारूप आपको विकेट और गेंदबाज की मानसिकता को समझने के लिए कुछ अतिरिक्त समय देता है। शीर्ष क्रम पर बल्लेबाजी करने से आपको 10-20 अतिरिक्त डिलीवरी मिलती है।

पूरे देश को इस बात पर बहुत गर्व है कि तिलक वर्मा ने आगे कदम बढ़ाया है, उनसे बहुत अधिक उम्मीदें हैं। सीनियर्स ने भारतीय क्रिकेट के मानक तय किए हैं और जूनियर्स आकर काम कर रहे हैं। यह बहुत आसान नहीं है, बीच-बीच में यात्रा करना और हर 2-3 दिन में खेलना, लेकिन वे काम पूरा कर रहे हैं।

भारत में इस साल हुए वनडे विश्व कप के लिये सैमसन टीम में जगह नहीं बना सके थे क्योंकि चयनकर्ताओं ने ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव को तरजीह दी। संजू ने तीसरे वनडे में 78 रन से मिली जीत के बाद कहा ,‘पिछले तीन चार महीने मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण थे। उन सबसे गुजरकर यहां आकर शतक जमाना काफी बड़ी बात है। मैं बहुत खुश हूं।’

सैमसन को एशियाई खेलों के लिये भी टीम में नहीं चुना गया था। सैमसन ने कहा ,‘खेल मेरे खून में है। मेरे पिता भी खिलाड़ी रहे हैं लिहाजा हर झटके के बाद वापसी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। खुद पर मेहनत करते रहो और मजबूती से वापसी का प्रयास करो।’

अपनी 108 रन की पारी के बारे में उन्होंने कहा ,‘मैं स्कोर कार्ड देख ही नहीं रहा था। मैं सिर्फ गेंद को देखकर उसके हिसाब से खेल रहा था। मेरा ध्यान प्रक्रिया और गेंद दर गेंद फोकस करने पर था। तिलक वर्मा के आने के बाद पहले चार पांच ओवर कठिन रहे लेकिन उसके बाद हमने सहज होकर खेला।’

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