नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाद एस श्रीसंत ने 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण पर अपनी बात मीडिया के सामने रखी है। इस प्रकरण के बाद श्रीसंत सहित राजस्थान रॉयल्स के दो और खिलाड़ियों को बैन किया गया था।
'स्पोर्ट्सकीड़ा' को दिए इंटरव्यू में श्रीसंत ने कहा कि वे 10 लाख रुपयों के लिए ऐसा भला क्यों करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैंने ईरानी ट्रॉफी खेली थी और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में खेलना चाह रहा था, ताकि हम जीत सकें। हम जल्दी जा रहे थे। मेरा लक्ष्य उस सीरीज को खेलना था। ऐसा आदमी भला केवल 10 लाख रुपये के लिए ऐसा क्यों करेगा? मैं बड़ी बात नहीं कर रहा हूं लेकिन जब मैं पार्टी करता था तो मेरे लगभग 2 लाख के बिल होते थे।'
श्रीसंत ने आगे कहा कि यह उनके प्रशंसकों और शुभचिंतकों की प्रार्थनाएं है जिसके कारण वे उस परिस्थिति से बाहर निकल सके।
'मेरे पास इतना कैश होता तो उसे बांटता रहता'
श्रीसंत ने कहा है कि वह अपना ज्यादातर निजी भुगतान उस समय नकद रूप से नहीं बल्कि कार्ड से किया करते थे। उन्होंने कहा, 'अगर मेरे पास इतना कैश होता तो उसे बांटता रहता। असल में मैं एक आम इंसान का भी ध्यान रखता हूं।'
श्रीसंत ने दावा किया कि जिस ओवर को लेकर पूरी बातें कही गई उसमें उन्हें 1 ओवर में 14 से अधिक रन देने थे जबकि उन्होंने चार गेंद में केवल 5 रन दिए थे। उन्होंने कहा, 'इसमें कोई नो बॉल नहीं, कोई वाइड नहीं और एक भी धीमी गेंद नहीं थी। मैं अपने अंगूठे में सर्जरी के बावजूद 130 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक की गति से गेंदबाजी कर रहा था।'
श्रींसंत ने कहा कि चोट के बाद वे भारतीय टीम में वापसी की कोशिश में जुटे थे। ऐसे में कोई भला ऐसा क्यों करेगा।
बता दें कि प्रतिबंध हटने के बाद श्रीसंत ने इस साल की शुरुआत में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की। उन्होंने केरल के लिए पांच मैच खेले, जिसमें उन्होंने 27 के स्ट्राइक रेट और 9.88 की इकॉनमी रेट से चार विकेट हासिल किेए।
श्रीसंत ने 2005 में नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ वनडे से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था। साल 2007 के टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान के मिस्बाह-उल-हक का कैच लेने के बाद उनकी लोकप्रियता खूब बढ़ी। बाद में वह 2011 में वने वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा रहे।