Highlightsईमानदारी से कहूं तो इस बारे में गहरी बातचीत नहीं हुई। मैं इत्मीनान से था।सिर्फ एक बार बात हुई। हम अभ्यास कर रहे थे और उन्होंने मेरे पास आकर यह कहा।बाहर सभी को लगता होगा कि मुझे उनके जैसे महान खिलाड़ी की जगह लेना है लेकिन मेरा मानना है कि मेरी अपनी शैली होगी।
Ruturaj Gaikwad CSK IPL 2024: महेंद्र सिंह धोनी ने 2022 में ही रुतुराज गायकवाड़ को चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी के लिए तैयार रहने के लिये कहा था और वह तभी से तैयार है। हालांकि दोनों के बीच कप्तानी को लेकर गहरी बातचीत नहीं हुई। कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ सोमवार की रात मिली जीत में गायकवाड़ ने मोर्चे से कप्तानी की थी। उन्हें 22 मार्च को आईपीएल की शुरुआत के एक दिन पहले ही कप्तान बनाया गया। गायकवाड़ ने केकेआर पर सात विकेट से मिली जीत के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘ईमानदारी से कहूं तो इस बारे में गहरी बातचीत नहीं हुई। मैं इत्मीनान से था।
सिर्फ एक बार बात हुई। हम अभ्यास कर रहे थे और उन्होंने मेरे पास आकर यह कहा।’ उन्होंने कहा ,‘बाहर सभी को लगता होगा कि मुझे उनके जैसे महान खिलाड़ी की जगह लेना है लेकिन मेरा मानना है कि मेरी अपनी शैली होगी। मैं टीम कल्चर को बनाये रखना चाहता हूं।’ गायकवाड़ ने कहा ,‘उन्होंने 2022 में मुझसे कहा था कि शायद अगले साल नहीं लेकिन उसके बाद मुझे कप्तानी करनी होगी तो उसके लिये तैयार रहूं। मैं उसके बाद से हमेशा से तैयार था। मैं पिछले साल भी हर मैच के बाद कोच स्टीफन फ्लेमिंग से कप्तानी के हर पहलू पर बात करता था।’
यह पूछने पर कि कप्तान के तौर पर वह क्या बदलाव लेकर आये हैं, उन्होंने कहा ,‘मुझे नहीं लगता कि इसकी जरूरत है। मैं सीएसके का कल्चर बनाये रखना चाहता हूं। हमने इसके दम पर ही इतनी सफलता पाई है तो मैं कोई बदलाव नहीं चाहता।’
हम पिच को बेहतर भांप सकते थे: वरुण चक्रवर्ती
कोलकाता नाइट राइडर्स के स्पिनर वरुण चक्रवर्ती ने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ आईपीएल के मैच में पिच को सही ढंग से पढ़ नहीं पाने का खामियाजा उनकी टीम को भुगतना पड़ा। पिछले दो मैचों की तुलना में इस मैच की पिच अलग थी। केकेआर नौ विकेट पर 137 रन ही बना सकी जिसे चेन्नई ने 14 गेंद बाकी रहते हासिल कर लिया।
चक्रवर्ती ने मैच के बाद कहा ,‘मैंने जब विकेट को देखा तो यह सपाट लगा लेकिन यह पूरी तरह से अलग था।’ उन्होंने कहा ,‘हम पिच को बेहतर भांप सकते थे क्योंकि शुरुआत में यह धीमी थी। गेंद से संपर्क करना कठिन था लेकिन मुझे लगा कि 160 का स्कोर ठीक रहता।
इसके अलावा ओस भी थी। शिवम दुबे को जो मैंने आखिरी ओवर डाला, उससे काफी फर्क पड़ा क्योंकि मैं गेंद पर पकड़ नहीं बना पा रहा था।’ उन्होंने कहा ,‘हमने हर बल्लेबाज के लिये योजना बनाई थी लेकिन अहम बात उन पर अमल करना था। हर टीम में कुछ बल्लेबाजों का दबदबा रहता है जिन पर रोक लगानी होती है।’