Ranji Trophy: चेतेश्वर पुजारा ने जड़ा दोहरा शतक, सौराष्ट्र ने झारखंड के खिलाफ ली बड़ी बढ़त

तीसरे दिन पुजारा ने खेल फिर शानदार ढंग से शुरू किया और अपना दोहरा शतक पूरा किया। पुजारा ने 317 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया।

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: January 7, 2024 12:06 PM2024-01-07T12:06:06+5:302024-01-07T12:07:46+5:30

Ranji Trophy Cheteshwar Pujara scored a double century Saurashtra took a big lead against Jharkhand | Ranji Trophy: चेतेश्वर पुजारा ने जड़ा दोहरा शतक, सौराष्ट्र ने झारखंड के खिलाफ ली बड़ी बढ़त

फाइल फोटो

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Highlightsचेतेश्वर पुजारा ने जड़ा दोहरा शतकपुजारा ने 317 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा कियासौराष्ट्र ने झारखंड के खिलाफ ली बड़ी बढ़त

Ranji Trophy: चेतेश्वर पुजारा ने झारखंड के खिलाफ खेले जा रहे रणजी ट्राफी के मैच में शानदार दोहरा शतक जड़कर टेस्ट टीम में वापसी का दावा ठोक दिया है। सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप ए के मैच में शनिवार को दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक पहली पारी में चार विकेट पर 406 रन बनाए थे। दिन का खेल खत्म होते समय पुजारा 157 रन पर नाबाद थे। तीसरे दिन पुजारा ने खेल फिर शानदार ढंग से शुरू किया और अपना दोहरा शतक पूरा किया। पुजारा ने 317 गेंदों में अपना दोहरा शतक पूरा किया।

इससे पहले सौराष्ट्र ने मैच के पहले दिन झारखंड की पारी को 142 रन पर समेट दिया था। सौराष्ट्र के लिए हार्विक देसाई (85), शेल्डन जैक्सन (54) और अर्पित वसावदा (68) ने भी बल्ले से अहम योगदान दिया। पुजारा ने वसावदा के साथ चौथे विकेट के लिए 146 रन की साझेदारी कर मैच पर पकड़ बनाने में अहम भूमिका निभाई। 

इस पारी के बाद पुजारा ने टेस्ट टीम में वापसी का दावा भी ठोक दिया है। 100 टेस्ट खेल चुके पुजारा को टेस्ट टीम से निकाल दिया गया था। तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले पुजारा की जगह फिलहाल शुभमन गिल को मौका दिया जा रहा है। हालांकि अभी तक गिल टेस्ट मैचों में वो कारनामा करने में विफल रहे हैं जो उन्होंने वनडे और टी-20 में कर के दिखाया है। पुजारा ने अपने करियर में 103 टेस्ट मैच खेले हैं और 11 बार नॉटआउट रहते हुए 7195 रन बनाए हैं। 19 शतक और 35 शतक जड़ने वाले पुजारा का टेस्ट मैचों में सर्वाधिक स्कोर 206 है।

पिछले पांच साल में पुजारा का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव वाला रहा है। अनुभव के आधार पर उन्हें लगातार मौके मिलते रहे। कुछ पारियों में उन्होंने शतक लगाए बिना भी कमाल की बल्लेबाजी की, लेकिन वह काफी नहीं था। टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में उनकी खराब बल्लेबाजी ने आखिरकार उन्हें टीम से बाहर ही कर दिया। लेकिन अब रणजी में शानदार प्रदर्शन करके उन्होंने साबित किया है कि वह अभी चूके नहीं हैं।

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