रणजी ट्रॉफी-2020 में सौराष्ट्र और बंगाल के बीच फाइनल मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने सभी को दंग कर दिया। 9 मार्च को खिताबी मुकाबले के पहले दिन अजीबोगरीब वाकया देखने को मिला, जब अंपायर को ही मैदान से बाहर जाना पड़ गया।
दरअसल सौराष्ट्र का विकेट गिरने के बाद अंपायर की ओर थ्रो की गई गेंद से शम्सुद्दीन चोटिल हो गए, जिसके चलते उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा। शम्सुद्दीन मैच के दूसरे दिन भी स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे थे, जिसके बाद वह मैदान पर नहीं उतरे। आलम ये रहा कि दूसरे दिन भी सिर्फ एक ही अंपायर केएन अनंत पद्मनाभन ही मैदान पर नजर आए। उनकी गैरमौजूदगी में अनंत पद्मनाभन ही दोनों छोर पर अंपायरिंग करते नजर आए।
बता दें कि थर्ड अंपायर सुंदरम रवि पर डीआरएस के निर्णय की अहम जिम्मेदारी है, जिसके चलते वह मैदान पर नहीं उतर सके। वहीं शम्सुद्दीन के स्थान पर पीयूष कक्कड़ को मैदान पर उतारा तो गया, लेकिन स्थानीय अंपायर होने के चलते वह सिर्फ स्क्वायर लेग अंपायरिंग की ही जिम्मेदारी संभाल सकते थे।
हालांकि अब मैच के तीसरे दिन चोटिल शम्सुद्दीन के स्थान पर यशवंत बर्डे को अंपायरिंग की जिम्मेदारी सौंपई गई है। वह मंगलवार को राजकोट पहुंच चुके हैं।