CoA ने दायर की याचिका, कहा- TNCA उच्चतम न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है

सीओए ने अपनी याचिका (इसकी प्रति पीटीआई के पास भी है) में कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले की गलत तरह से व्याख्या की गयी मानो कि वह 18 जुलाई 2016 और नौ अगस्त 2018 के मुख्य फैसले को परिवर्तित कर दे।

By भाषा | Published: September 23, 2019 10:25 PM2019-09-23T22:25:27+5:302019-09-23T22:39:58+5:30

राज्य संघ चुनाव: सीओए का सुप्रीम कोर्ट से अपने आदेश को स्पष्ट करने का अनुरोध | CoA ने दायर की याचिका, कहा- TNCA उच्चतम न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है

CoA ने दायर की याचिका, कहा- TNCA उच्चतम न्यायालय के आदेश की गलत व्याख्या कर रहा है

googleNewsNext

बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सोओए) ने उच्चतम न्यायालय में 20 पन्नों की याचिका दायर की है जिसमें तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) पर न्यायालय के फैसले का गलत व्याख्या करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले 20 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने टीएनसीए को चुनाव कराने का आदेश दिया था। इस आदेश में कहा गया था कि नौ साल पूर होने पर राज्य इकाई के चुनाव लड़ने की अयोग्यता केवल पदाधिकारियों तक ही सीमित है।

सीओए ने अपनी याचिका (इसकी प्रति पीटीआई के पास भी है) में कहा कि उच्चतम न्यायालय के फैसले की गलत तरह से व्याख्या की गयी मानो कि वह 18 जुलाई 2016 और नौ अगस्त 2018 के मुख्य फैसले को परिवर्तित कर दे। सीओए के अनुसार उच्चतम न्यायालय के फैसले की कुछ लोगों ने जानबूझकर गलत व्याख्या की है क्योंकि वे मुख्य फैसले को परिवर्तित करना चाहते हैं।

सीओए को लग रहा है कि इससे छह तरह से आदेश की अवहेलना हो सकती है। पहला, गैर-भारतीय नागरिक प्रबंध समिति या संचालन समिति में आ सकता है। दूसरा, 70 साल से अधिक उम्र का व्यक्ति विभिन्न समितियों का सदस्य बन सकता है जबकि बीसीसीआई में इसकी मंजूरी नहीं है।

तीसरा, कमजोर दिमाग वाले किसी व्यक्ति को समितियों में चुना जा सकता है। चौथा, मंत्री या सरकारी कर्मचारी भी चुनाव मैदान में आ सकते हैं। पांचवां, दूसरे खेल से जुड़े प्रशासक इसमें शामिल हो सकते है और छठा आपराधिक मामले में संलिप्त लोगों के लिए इसके दरवाजे खुल सकते हैं।

हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ के चुनावों पर रोक लगाने की मांग को लेकर न्यायालय में याचिका दायर: उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गयी है जिसमें न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति की सिफारिशों और बीसीसीआई संविधान का कथित तौर पर अनुपालन नहीं करने के कारण हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के आगामी चुनावों पर रोक लगाने की मांग की गयी है।

यह याचिका पूर्व क्रिकेटर और एचपीसीए के पूर्व सचिव गौतम ठाकुर ने दायर की है जिसमें याचिका पर फैसला आने तक प्रशासकों की एक समिति द्वारा हिमाचल प्रदेश के क्रिकेट मामलों का प्रबंधन किये जाने का निर्देश देने की मांग की गई है। एचपीसीए की वेबसाइट के अनुसार 27 सितंबर को अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पद के लिये चुनाव होंगे।

Open in app