सचिन के आखिरी टेस्ट में 10 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच बना था यह खिलाड़ी, फिर कभी नहीं मिली टीम इंडिया में जगह, 7 साल बाद लिया संन्यास

सचिन तेंदुलकर के आखिरी टेस्ट मैच में भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने 10 विकेट लिया था और मैन ऑफ द मैच बने थे।

By सुमित राय | Published: February 21, 2020 2:15 PM

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ठळक मुद्देप्रज्ञान ओझा ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से तुरंत प्रभाव से संन्यास ले लिया।ओझा ने मुंबई में सचिन तेंदुलकर के विदाई टेस्ट में आखिरी बार भारत के लिए खेला था।प्रज्ञान ने 10 विकेट लेकर 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुने गए थे, लेकिन इसके बाद फिर कभी उन्हें भारतीय टीम में नहीं चुना गया।

भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के अनुभवी स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से तुरंत प्रभाव से संन्यास ले लिया। ओझा ने 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ मुंबई में सचिन तेंदुलकर के विदाई टेस्ट में आखिरी बार भारत के लिए खेला था। प्रज्ञान ओझा ने आखिरी इंटरनेशनल मैच में दमदार गेंदबाजी की थी और 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुने गए थे, लेकिन इसके बाद उन्हें फिर कभी भी भारतीय टीम में नहीं चुना गया।

सचिन तेंदुलकर ने अपना 200वां टेस्ट खेलते हुए साल-2013 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहा। वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत ये मैच एक पारी और 126 रनों से जीतने में सफल रहा। भारत की इस जीत में प्रज्ञान ओझा ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी, जिन्होंने मैच में 89 रन देकर 10 विकेट अपने नाम किया था और मैन ऑफ द मैच बने थे। हालांकि इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद प्रज्ञान ओझा के लिए सचिन का विदाई टेस्ट आखिरी मैच बन गया और अब उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया है।

भारत vs वेस्टइंडीज: उस मैच की पूरी कहानी

साल-2013 के आखिर में वेस्टइंडीज की टीम दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारत आई। इस सीरीज के बाद सचिन को इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कहना था। सीरीज का पहला मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में आयोजित किया गया, जिसे भारत ने एक पारी और 54 रनों से जीता। इसके बाद दूसरा और आखिरी मैच वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया।

टॉस भारत ने जीता और पहले गेंदबाजी का फैसला किया। क्रिस गेल, कीरन पॉवेल, डैरेन ब्रावो, शिवनारायण चंद्रपाल जैसे खिलाड़ियों वाली कैरेबियाई टीम पहला मैच हारने के बाद पहले से दबाव में थी। दूसरे टेस्ट में भी उसे पहला झटका पॉवेल के रूप में 25 रनों पर लग गया। इसके बाद हालांकि गेल समेत शीर्ष पांच खिलाड़ी वेस्टइंडीज को 150 के करीब ले गए। इस दौरान प्रज्ञान ने पॉवेल और मार्लिन सैमुअल्स का विकेट लेकर कैरेबियाई टीम को बैकफुट पर ला दिया था।

आलम ये था कि कैरेबियाई टीम ने 162 रन तक 7 विकेट गंवा दिए थे। प्रज्ञान का असली करिश्मा इसके बाद नजर आया। एक के बाद एक प्रज्ञान ने शेन शिलिंगफोर्ड (0), टिनो बेस्ट (0) और शेनॉन गैब्रियल (1) को आउट कर वेस्टइंडीज को 182 रनों पर समेट दिया। प्रज्ञान ने पहली पारी में पांच विकेट झटके, जबकि रविचंद्रन अश्विन को 3 सफलता मिली। एक-एक विकेट भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी को मिली। 

इसके बाद भारत की ओर से चेतेश्वर पुजारा (113) और रोहित शर्मा (111) की बदौलत भारत ने जवाब में 495 रन बनाए। मुरली विजय (43), सचिन (74), विराट कोहली (57) ने भी अहम पारियां खेली। अब भारत के पास 313 रनों की विशाल बढ़त थी, जबकि वेस्टइंडीज के सामने चुनौतियों का पहाड़ खड़ा था। कैरेबियाई टीम एक बार फिर बैटिंग करने उतरी और पहली पारी में पांच विकेट झटकने वाले प्रज्ञान ओझा इस बार ज्यादा खतरनाक साबित हुए।

पहली पारी में पुछल्ले बल्लेबाजों पर कहर बरपाने वाले प्रज्ञान ओझा ने इस बार गेल (35) और टिनो बेस्ट (9) समेत सैमुअल्स (11) का विकेट हासिल कर इंग्लैंड के हार की कहानी तय कर दी। ओझा यही नहीं रूके और नरसिंह डियोनरेन (0) समेत कैरेबियाई कप्तान डैरेन सैमी (1) का विकेट लेकर भारत को पारी की जीत की ओर बढ़ा दिया।

10 विकट लेने के बावजूद कभी नहीं मिली टीम इंडिया में जगह

साल-2009 में टेस्ट डेब्यू करने वाले प्रज्ञान ओझा के लिए यह पहला मौका था जब उन्होंने अपने करियर में एक ही मैच में 10 विकेट झटके। हालांकि, इसके बाद प्रज्ञान को फिर टीम इंडिया की ओर से किसी भी फॉर्मेट में मैदान पर उतरने का मौका नहीं मिल सका। इस बीच 2014 के आखिरी में घरेलू क्रिकेट में उनके बॉलिंग एक्शन पर कुछ सवाल जरूर उठे और विवाद भी हुआ। आईपीएल में भी प्रज्ञान खेलते नजर आए, लेकिन भारतीय टीम में उन्हें जगह फिर कभी नहीं मिली।

कुछ ऐसे हुई थी प्रज्ञान ओझा के करियर की शुरुआत

इंटरनेशनल क्रिकेट में प्रज्ञान के करियर की शुरुआत की बात करें तो उन्हें सबसे पहले 2009 के आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ मौका मिला। प्रज्ञान ने इस मैच में 4 विकेट झटके। इसके बाद जब 2009 में ही उन्हें एशिया कप से वनडे में डेब्यू का मौका मिला तो यहां भी प्रज्ञान ने अपने कमाल की फिरकी की बदौलत पहले ही मैच में 2 विकेट झटके। वहीं, टेस्ट डेब्यू भी प्रज्ञान ने 2009 में ही श्रीलंका के खिलाफ कानपुर टेस्ट में की और कुल 4 विकेट झटके।

तीनो फॉर्मेट में इतनी शानदार शुरुआत के बावजूद प्रज्ञान अपने करियर को उस मुकाम पर नहीं ले जा सके जिसकी उम्मीद की जा रही थी। प्रज्ञान ओझा के नाम 24 टेस्ट मैचों में 113 विकेट, 18 वनडे मैचों में 21 विकेट और 6 इंटरनेशनल टी20 मैचों में 10 विकेट हैं।

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