महिला टी20 चैलेंज में खिलाड़ियों ने छोड़े कई कैच, वेदा कृष्णमूर्ति ने बीसीसीआई से की ये खास अपील

भारत की महिला लेग स्पिनर वेदा कृष्णमूर्ति ने बीसीसीआई से देश की महिला क्रिकेटरों के लिए दिन रात्रि के और मैच आयोजित करने का अनुरोध किया।

By भाषा | Published: May 10, 2019 08:37 PM2019-05-10T20:37:19+5:302019-05-10T20:37:19+5:30

Not playing much under the lights is the reason we drop catches, says veda krishnamurthy | महिला टी20 चैलेंज में खिलाड़ियों ने छोड़े कई कैच, वेदा कृष्णमूर्ति ने बीसीसीआई से की ये खास अपील

महिला टी20 चैलेंज में खिलाड़ियों ने छोड़े कई कैच, वेदा कृष्णमूर्ति ने बीसीसीआई से की ये खास अपील

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Highlightsकृष्णमूर्ति की टीम वेलोसिटी को महिला टी20 चैलेंज में सुपरनोवा से 12 रन से हार मिली।वेदा कृष्णमूर्ति ने बीसीसीआई से महिला क्रिकेटरों के लिए दिन रात्रि के और मैच आयोजित करने का अनुरोध किया।

जयपुर, 10 मई। भारत की महिला लेग स्पिनर वेदा कृष्णमूर्ति ने बीसीसीआई से देश की महिला क्रिकेटरों के लिए दिन रात्रि के और मैच आयोजित करने का अनुरोध किया, क्योंकि इससे सिर्फ दर्शक ही आकर्षित नहीं होंगे बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि खिलाड़ी दूधिया रोशनी में कैच नहीं गिरायें। कृष्णमूर्ति की टीम वेलोसिटी को महिला टी20 चैलेंज मैच में गुरुवार को सुपरनोवा से 12 रन से हार मिली।

इस 26 साल की गेंदबाज ने कहा कि महिला खिलाड़ी दूधिया रोशनी में खेलने की इतनी आदी नहीं हैं जो उनके क्षेत्ररक्षण में देखने को मिला, विशेषकर कैच लपकने में। उन्होंने कहा, ‘‘कैच गिराने के लिये कारण दूधिया रोशनी में नहीं खेलना था। अकादमी के मैदान पर अभ्यास करते हुए हमें गेंद देखने में मुश्किल हो रही थी। इसलिये गेंद को पकड़ना सचमुच काफी मुश्किल था।’’

कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘अगर आप देखो तो दूधिया रोशनी में खेलना काफी चुनौतीपूर्ण है क्योंकि इससे पूरा वातावरण बदल जाता है, इसमें दूधिया रोशनी में जो हवा बहती है और जिस तरह से गेंद मैदान पर जाती है, सब शामिल है। इसलिये दिन के मैच से इसमें काफी कुछ अलग हो जाता है।’’

कृष्णमूर्ति ने बीसीसीआई से आग्रह किया कि दूधिया रोशनी में और अधिक मैच कराये जायें ताकि खिलाड़ी हर तरह के हालात के अनुरूप ढल सकें। महिलाओं के ज्यादातर मैच दिन में आयोजित होते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह काफी अहम है। कम से कम अगर हम शाम में टी20 मैच खेलना शुरू कर दें तो इससे ज्यादा दर्शक मैच देखने पहुंचेंगे।’’ युवा भारतीय सलामी बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिगेज भी भारतीय टीम की साथी से सहमत थीं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसकी शुरुआत अपने घरेलू सत्र से करनी चाहिए। हम दूधिया रोशनी में मुश्किल से कोई मैच खेलते हैं। न्यूजीलैंड और यहां तक कि इंग्लैंड श्रृंखला में मैचों में भी हमारे मैच सुबह होते हें और हमारे घरेलू मैच हमेशा सुबह 10 बजे शुरू होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब आप सूरज की रोशनी में और दूधिया रोशनी में खेलते हो तो इसमें काफी अंतर होता है। इसलिये मुझे लगता है कि हम जितने ज्यादा घरेलू मैच दूधिया रोशनी में खेलेंगे, हमारे क्षेत्ररक्षण में भी सुधार होगा।’’

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