सिडनी, 05 जुलाई: ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन ल्योन ने आईसीसी के स्टंप माइक्रोफोन से आने वाली आवाजों के प्रसारण के नए नियम की आलोचना की है। साथ ही आईसीसी द्वारा सुनाई देने वाली अश्लीलता को नए अपराध के तौर पर जोड़े जाने का भी विरोध किया है।
आईसीसी ने सोमवार को अपने संसोधित कोड ऑफ कंडक्ट में चार नए उल्लघंनों की घोषणा की है। इसमें अनुचित तौर पर लाभ लेने के लिए धोखाधड़ी, निजी गाली-गलौज, सुनाई देने वाली अश्लीलता और अंपायर के निर्देश का उल्लंघन शामिल है।
इतना ही नहीं आईसीसी ने अपनी पांच दिन की सालाना कॉन्फ्रेंस में बॉल टैम्परिंग के लिए सजा सख्त करते हुए अब इसके दोषियों को 1 टेस्ट और 2 वनडे के बजाय 6 टेस्ट और 12 वनडे का बैन लगाने का ऐलान किया है।
पढ़ें: इंग्लैंड में जन्मे इस बल्लेबाज ने 26 साल की उम्र में लिया संन्यास, फैंस हुए हैरान
ल्योन ने स्टंप माइक्रोफोन से आने वाली आवाजों के प्रसारण के फैसले की आलोचना करते हुए कहा, 'मैं बॉल टैम्परिंग के नियम से पूरी तरह सहमत हूं कि लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं स्टंप माइक को ऑन किए जाने का समर्थक नहीं हूं।' 'जो मैदान पर होता है उसे मैदान पर ही रहना चाहिए।'
पढ़ें: 2019 वर्ल्ड कप के बाद आईसीसी सीईओ पद से हटेंगे डेव रिचर्डसन, उत्तराधिकारी का चुनाव जल्द
हाल ही में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को मिली 5-0 की करारी शिकस्त में खेले 30 वर्षीय ल्योन ने कहा कि कई बार खिलाड़ी दबाव के पलों में खुद को कोसते हैं जो युवा फैंस के लिए अच्छा उदाहरण नहीं हो सकता है।
ल्योन ने कहा, 'मैं ये नहीं कह रहा कि गाली-गलौज ठीक है। लेकिन जब आप उच्चतम स्तर पर खेल रहे होते हैं और बहुत दबाव में होते हैं, तब आप अपनी क्षमता भूल जाते हैं और मुंह से अपशब्द निकल जाती हैं।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन हमारा मैच छोटे बच्चे भी देखेंगे ऐसे में एक परिपक्व पुरुष के रूप में हमें अपना सिर ऊंचा करने और ये समझने की जरूरत है कि हम खेल के लिए बड़े रोल मॉडल हैं।'