खुलासा! धोनी के ना खेलने की असली 'वजह' आई सामने, पूरे वर्ल्ड कप के दौरान रहे थे परेशान

MS Dhoni: टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी

By अभिषेक पाण्डेय | Published: September 26, 2019 1:17 PM

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ठळक मुद्देएमएस धोनी वर्ल्ड कप 2019 के बाद से ही मैदान से दूर हैंधोनी ने जुलाई में लिया था दो महीने का ब्रेक, अब नवंबर तक टली वापसी

टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी इन दोनों मैदान से दूर हैं। धोनी ने वर्ल्ड कप 2019 सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद दो महीने का ब्रेक लिया था, लेकिन धोनी का ये ब्रेक नवंबर तक बढ़ गया है। 

अब माना जा रहा है कि धोनी के इस ब्रेक की वजह उनका विकल्प तैयार करने के लिए बीसीसीआई को वक्त देना था, लेकिन अब आई एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, धोनी वर्तमान में इसलिए नहीं खेल रहे हैं क्योंकि वह चोटिल हैं।

धोनी पीठ और कलाई की चोट से परेशान!

इंडियन एक्सप्रेस ने बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से लिखा है कि धोनी वर्ल्ड कप में पीठ की चोट के साथ खेलने गए थे और टूर्नामेंट के दौरान उनकी ये तकलीफ और बढ़ गई थी। साथ ही वर्ल्ड कप के दौरान उनकी कलाई भी चोटिल हो गई थी। इस सूत्र के मुताबिक, धोनी के नवंबर तक फिट हो जाने की संभावना है।

धोनी वेस्टइंडीज दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा नहीं थे और न ही उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू टी20 सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया। 38 वर्षीय धोनी ने अपने दो महीने के ब्रेक के दौरान 31 जुलाई से 15 अगस्त तक अपनी आर्मी रेजिमेंट के साथ ट्रेनिंग की।

लेकिन पीठ की तकलीफ उन्हें पिछले एक सीजन से परेशान कर रही है। पिछले साल आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ चेन्नई सुपर किंग्स के लिए 79 रन की पारी खेलने के बाद धोनी ने कहा था, 'ये (पीठ की स्थिति) खराब  है, कितनी खराब है, मैं नहीं जानता हूं।' 

इस साल भी आईपीएल के दौरान धोनी ने कहा था कि उनकी पीठ अकड़ रही है। उन्होंने कहा था, 'पीठ में अकड़न हो रही है, वर्ल्ड कप करीब होने से ये खराब स्थिति है, इसे वहन नहीं कर सकता क्योंकि वह बहुत महत्वपूर्ण है।'

धोनी की संन्यास की अटकलों के बावजूद भारतीय टीम मैनेजमेंट का उन पर भरोसा कायम है। 

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ धर्मशाला में खेले गए पहले टी20 से पहले कप्तान विराट कोहली ने धोनी के साथ टीम के रिश्ते पर कहा था, 'उनके लिए एक अच्छी बात ये है कि वह भारतीय क्रिकेट के लिए सोचते हैं। और हम (टीम मैनेजमेंट) जो भी सोचते हैं, वह भी उसी के साथ होते हैं। उनकी मानसिकता युवाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें मौका देने की रही है, और वह अब भी वही व्यक्ति हैं।' 

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