Highlightsराहुल द्रविड़ की अगुवाई वाले एनसीए ने बुमराह का फिटनेस टेस्ट करने से किया इंकारराहुल द्रविड़ का कहना है कि जब एनसीए ने इलाज नहीं किया तो सर्टिफिकेट कैसे दे
बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट ऐकैडमी (एनसीए) ने जसप्रीत बुमराह का फिटनेस टेस्ट करने से इनकार कर दिया है। इस तेज गेंदबाज की टीम में वापसी सुनिश्चित करने के लिए ये टेस्ट जरूरी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीए डारयेक्टर राहुल द्रविड़ ने फिजियोथेरेपिस्ट आशीष कौशिक के साथ बुधवार को बैंगलोर में बुमराह से मुलाकात की। बुमराह 16 दिसंबर को विशाखापत्तनम में भारतीय टीम के साथ नेट्स में ट्रेनिंग करने के बाद वापसी के लिए आवश्यक फिटनेस टेस्ट देने के लिए बेंगलुरु पहुंचे थे।
एनसीए ने किया जसप्रीत बुमराह का फिटनेस टेस्ट करने से इनकार
लेकिन एनसीए के डायरेक्टर राहुल द्रविड़ और फिजियोथेरेपिस्ट आशीष कौशिक ने बुमराह को विनम्रता से बता दिया कि वे उनका टेस्ट नहीं कर रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, द्रविड़ की अगुवाई वाली एनसीए इस बात से नाखुश है कि सितंबर में लगी पीठ की चोट से उबरने के लिए बुमराह ने एनसीए में रिहैबलिटेशन के बजाय अपने विशेषज्ञों और ट्रेनर्स की टीम की मदद ली।
बुमराह के एनसीए में रिहैब न करने से नाराज द्रविड़!
बुमराह चोट से उबरने के लिए एनसीए में जाने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने इसके लिए यूनाइटेड किंगडम जाकर डॉक्टरों की सलाह भी ली। इस बात से राहुल द्रविड़ और एनसीए के अन्य लोग खुश नहीं हैं।
इस रिपोर्ट के मुताबिक, बुमराह 16 नवंबर को विशाखापत्तनम में टीम इंडिया के साथ नेट्स में ट्रेनिंग करने के बाद बेंगलुरु गए थे, जहां एनसीए में उनका फिटनेस टेस्ट होना था। लेकिन राहुल द्रविड़ ने बुधवार को इस गेंदबाज को बता दिया कि एनसीए उनका फिटनेस टेस्ट नहीं कर पाएगा।
द्रविड़ का तर्क, जब एनसीए ने इलाज नहीं किया, तो सर्टिफिकेट कैसे दे?
इसके पीछे राहुल द्रविड़ का सीधा सा तर्क है, 'अगर एनसीए ने बुमराह का इलाज नहीं किया है तो वह उन्हें ये प्रमाणपत्र कैसे दे सकता है कि वह खेलने के लिए फिट हैं?' अगर कल कुछ हो तो क्या होगा? एनसीए उस चीज को कैसे प्रमाणित कर सकता है, जिसके बारे में उसे कोई अंदाजा ही नहीं है?'
रिपोर्ट के मुताबिक, बुमराह एनसीए में ट्रेनिंग के लिए इसलिए नहीं जाना चाहते थे क्योंकि उनके कई साथी खिलाड़ियों ने इस अकादमी को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी थी और कुछ ने तो इसे 'डरावना' अनुभव तक करार दिया था। वहीं अब एनसीए के अकादमी को लेकर खिलाड़ियों के संदेह और डर को दूर करने के बजाय बुमराह के साथ इस तरह के व्यवहार को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं।
द्रविड़ कर रहे हैं एनसीए का सिस्टम सुधारने की कोशिश
राहुल द्रविड़ ने इस साल जुलाई में एनसीए प्रमुख का पद संभाला था। इस रिपोर्ट के मुताबित, एनसीए सूत्रों ने कहा, 'द्रविड़ अब भी एनसीए के कामकाज के तरीके को समझ रहे हैं और वह अभी नए नियम और विचारों को लागू नहीं कर पाए हैं। राहुल द्रविड़ अब भी एनसीए के लिए नए हैं। उनके पद भार संभाले हुए बस कुछ महीने हुए हैं।'
'वह (द्रविड़) अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि अकादमी में चीजें कैसे काम कर रही हैं। अगर ईमानदारी से कहें तो, एनसीए में पूरे देश से 200 से ज्यादा क्रिकेटर ट्रेनिंग और सीखने के लिए आते हैं। ये सिर्फ एक और दो लोगों की बात नहीं है। राहुल बेहतर सिस्टम बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं।'