आईसीसी ने ऑस्ट्रेलिया को दिया झटका, मेलबर्न की पिच को बताया 'खराब'

ऑस्ट्रेलिया मौजदा एशेज सीरीज पहले ही जीत चुका है इसके बावजूद मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले दिन 88,000 दर्शक पहुंचे थे।

By विनीत कुमार | Published: January 2, 2018 03:08 PM2018-01-02T15:08:30+5:302018-01-02T15:40:17+5:30

Melbourne pitch rated poor by icc after drawn fourth ashes series test | आईसीसी ने ऑस्ट्रेलिया को दिया झटका, मेलबर्न की पिच को बताया 'खराब'

आईसीसी ने मेलबर्न पिच को खराब बताया

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ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज के ड्रॉ हुए चौथा टेस्ट मैच के बाद आईसीसी ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) को 'खराब' बताया है। साथ ही आईसीसी ने एमसीजी पर प्रतिबंध पर विचार से पहले क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्तों में जवाब भी मांगा है। मेलबर्न में एशेज का चौथा टेस्ट 26 से 30 दिसंबर के बीच खेला गया था और ड्रा रहा।

इस दौरान दोनों टीमों के कप्तान सहित कमेंटेटर ने भी मेलबर्न की पिच की आलोचना की थी। यह ऑस्ट्रेलिया की पहला ऐसी पिच है जिसे इस तरह की रेटिंग मिली है।

मौजूदा नियमों के अनुसार आईसीसी खराब पिच को लेकर एमसीजी को आधिकारिक चेतावनी से लेकर उस पर जुर्माना भी लगा सकता है। हालांकि, इसी गुरुवार से लागू हो रहे नए नियमों के मुताबिक 'खराब' रेटिंग वाले पिचों पर आईसीसी 'डिमेरिट प्वाइंट्स' जारी करेगी और बाद उस पर प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है। आईसीसी ने पिछले साल भी पुणे की एक पिच को खराब बताया था जहां ऑस्ट्रेलिया विजयी रहा था। 

बता दें कि एमसीजी को दुनिया के बेहतरीन मैदानों में गिना जाता है और 2015 के वर्ल्ड कप का फाइनल भी इसी मैदान पर खेला गया था। 

ऑस्ट्रेलिया मौजदा एशेज सीरीज पहले ही जीत चुका है इसके बावजूद मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले दिन 88,000 दर्शक पहुंचे थे। इस टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 327 रन और फिर दूसरी पारी में 4 विकेट के नुकसान पर 263 रन बनाकर पारी घोषित की थी। वहीं, इंग्लैंड ने पहली पारी में एलेस्टेयर कुक के दोहरे शतक की बदौलत 491 रन बनाए थे।

बहरहाल, मैच रेफरी रंजन मदुगले ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'एमसीजी पिच की बाउंस औसत थी और मैच बढ़ने के साथ-साथ यह और धीमी हो गई।'

इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिच का स्वभाव पांच दिनों के खेल के बावजूद नहीं बदला और इसकी वजह से बैट और बॉल के बीच कहीं कोई संघर्ष भी नहीं दिखा।

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