Melbourne: ऑस्ट्रेलिया 3 और इंग्लैंड 1। 5 मैच की सीरीज और 4 टेस्ट का फैसला आ गया। सीरीज का अंतिम और पांचवां मैच 4 जनवरी 2026 से सिडनी में खेला जाएगा। इंग्लैंड ने आखिरकार ऑस्ट्रेलिया को क्लीन स्वीप से रोक दिया। बेन स्टोक्स की अगुवाई में यह टीम इतनी आसानी से हार नहीं मानने वाली। बेशक, एशेज ट्रॉफी घर नहीं लौटेगी, लेकिन इंग्लैंड मेलबर्न से बहुत गर्व के साथ लौट रहा है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में 15 साल के सूखे को खत्म किया है। 4 मैच (20 दिन) केवल 13 दिन में खत्म हो गया। एक और टेस्ट मैच दो दिनों के अंदर ही समाप्त हो गया।
इससे पहले हमने पर्थ में ऐसा ही एक मैच देखा था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता था, लेकिन इस बार इंग्लैंड ने एशेज में शानदार वापसी करते हुए एक बड़ी जीत हासिल की है। ऑस्ट्रेलिया सिर्फ 132 रन पर ऑल आउट हो गया और इंग्लैंड को 175 रनों का लक्ष्य दिया, जिसके बाद मेहमान टीम ने मौके का फायदा उठाया।
स्टोक्स की कप्तानी में इंग्लैंड की टीम ने अगर किसी चीज़ में महारत हासिल की है, तो वो है लक्ष्य का पीछा करना। सलामी बल्लेबाज डकेट और क्रॉली ने अपने आक्रामक अंदाज से शुरुआत करते हुए 50 से अधिक रनों की तेज़ साझेदारी की। यह सातवां एशेज टेस्ट था, जिसमें चौथी पारी का स्कोर सर्वोच्च रहा और इनमें से यह तीसरा ऐसा टेस्ट था जिसका समापन एक सफल रन-चेज़ के साथ हुआ।
इससे पहले 2019 में हेडिंगली में हुआ यादगार मैच और मौजूदा सीरीज का पहला मैच भी इसी तरह का था। ऑस्ट्रेलिया में खेला गया यह तीसरा ऐसा टेस्ट था, जहां किसी टीम ने चौथी पारी में सर्वोच्च स्कोर बनाकर मैच जीता। इससे पहले 2008 में पर्थ के वाका में दक्षिण अफ्रीका ने 414 रनों का सफल चेज़ किया था (जो इस फॉर्मेट में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है) और पिछले महीने ऑप्टस में भी ऐसा ही हुआ था।
इंग्लैंड ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) में खेले गए चौथे एशेज टेस्ट क्रिकेट मैच में चार विकेट से जीत दर्ज करके ऑस्ट्रेलिया में पिछले 18 मैच में जीत हासिल नहीं कर पाने का सिलसिला रोक दिया। इंग्लैंड श्रृंखला के पहले तीन टेस्ट मैच हार गया था जिससे आस्ट्रेलिया ने केवल 11 दिन में एशेज अपने पास बरकरार रखी थी।
इंग्लैंड ने हालांकि चौथे टेस्ट मैच को दो दिन के अंदर जीतकर ऑस्ट्रेलिया की क्लीन स्वीप करने की उम्मीद पर पानी फेर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने पर्थ में पहला मैच दो दिन से जीता था। यह 129 वर्षों में पहला अवसर है जबकि किसी एक श्रृंखला के दो मैच दो दिन में समाप्त हो गए। इंग्लैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया में इससे पहले आखिरी बार 2010-11 की श्रृंखला में मैच जीता था।
उसने तब यह श्रृंखला 3-1 से अपने नाम की थी। इसके बाद इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में खेले गए लगभग 15 वर्षों में 18 टेस्ट मैचों में से 16 मैच हारे थे जबकि बाकी दो मैच ड्रॉ रहे। पहली पारी में 152 रन बनाने वाली ऑस्ट्रेलिया की टीम अपनी दूसरी पारी में 132 रन पर आउट हो गई। इस तरह से उसने इंग्लैंड के सामने 175 रन का लक्ष्य रखा।
पहली पारी में 110 रन पर आउट होने वाले इंग्लैंड ने छह विकेट पर 178 रन बनाकर अपने हजारों धैर्यवान लेकिन वफादार ‘बार्मी आर्मी’ प्रशंसकों को उन्मादपूर्ण जश्न में डुबो दिया। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने मैच के बाद कहा, ‘‘अब तक यह दौरा काफी कठिन रहा है। हमने जिस तरह से प्रदर्शन किया वह शानदार था। हमने साहसिक खेल दिखाया और अपने काम को अंजाम तक पहुंचाया।
जब मैं आउट हुआ तब हम लक्ष्य से 10 रन पीछे थे। मैं जानता था कि हम लक्ष्य तक पहुंच जाएंगे। जीत के साथ अंत करना सुखद अहसास है।’’ स्टोक्स ने कहा कि टेस्ट मैच का दो दिन में समाप्त होना ‘आदर्श स्थिति नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘‘स्पष्ट तौर पर कहूं तो आप बिल्कुल ऐसा नहीं चाहेंगे।
आप कभी ऐसा नहीं चाहेंगे की ‘बॉक्सिंग डे’ (26 दिसंबर) टेस्ट मैच दो दिन से कम समय में ही समाप्त हो जाए।’’ एमसीजी की पिच पर तेज गेंदबाजों की तूती बोली। इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि पहले दिन 20 और दूसरे दिन 16 विकेट गिरे। इंग्लैंड ने मैच के छठे सत्र में ही जीत हासिल की।