कुलदीप यादव ने खोला राज, बताया किन बदलावों से गेंदबाजी हुई घातक, विश्वकप की हार पर कही ये बात

कुलदीप यादव ने कहा कि 2018 में मैं काफी नया खिलाड़ी था और उसके बाद दो वर्ष तक मैं चोट से जूझता रहा। घुटने का ऑपरेशन करवाने के बाद मैंने अपनी गेंदबाजी विशेषकर रन अप में कुछ बदलाव किए। मैंने अधिक आक्रामक होने तथा अपनी लेंथ पर ध्यान देने और सीधी गेंद करने का प्रयास किया।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 15, 2023 1:06 PM

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ठळक मुद्देअपना 29वां जन्मदिन मना रहे कुलदीप ने की शानदार गेंदबाजीगेंदबाजी में कुलदीप यादव ने 17 रन देकर 5 विकेट लिएकहा- मैंने अपनी गेंदबाजी विशेषकर रन अप में कुछ बदलाव किए

नई दिल्ली: इंडिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच हुए तीसरे टी20 मैच में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 106 रनों से हराया। इस जीत के हीरो रहे कप्तान सूर्यकुमार यादव और स्पिनर कुलदीप यादव। सूर्यकुमार ने मैच में अपना अपना चौथा शतक पूरा किया। सूर्यकुमार यादव ने 55 गेंदों में शतक लगाया। वहीं गेंदबाजी में कुलदीप यादव ने  17 रन देकर 5 विकेट लिए।

कुलदीप यादव ने इस शानदार प्रदर्शन के बाद कहा कि उन्होंने अपने उपर पिछले कुछ समय में काफी काम किया है। वह भुवनेश्वर कुमार के बाद दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं जिन्होंने टी20 में अंतरराष्ट्रीय मैचों में दूसरी बार 5 विकेट लेने का कारनामा किया। अपना 29वां जन्मदिन मना रहे कुलदीप की शानदार गेंदबाजी से भारत ने यह मैच 106 रन से जीत कर तीन मैच की श्रृंखला 1-1 से बराबर की।

कुलदीप यादव ने कहा कि 2018 में मैं काफी नया खिलाड़ी था और उसके बाद दो वर्ष तक मैं चोट से जूझता रहा। घुटने का ऑपरेशन करवाने के बाद मैंने अपनी गेंदबाजी विशेषकर रन अप में कुछ बदलाव किए। मैंने अधिक आक्रामक होने तथा अपनी लेंथ पर ध्यान देने और सीधी गेंद करने का प्रयास किया।

कुलदीप ने मैच के बाद कहा, यह मेरे लिए विशेष दिन बन गया। मैंने पांच विकेट लेने के बारे में कभी नहीं सोचा था। मैं केवल इतना चाहता था की टीम जीते जो कि अधिक महत्वपूर्ण है। मैं अपनी गेंदबाजी को लेकर थोड़ा चिंतित था क्योंकि मैं कुछ दिनों बाद खेल रहा था और इसलिए मैं लय हासिल करना चाहता था। यह शानदार दिन था। गेंद अच्छी तरह से हाथ से छूट रही थी और परिस्थितियों से भी कुछ हद तक स्पिनरों को मदद मिल रही थी।

कुलदीप ने आगे कहा, "विकेट की सबसे अच्छी बात यह रही कि गेंद पिच होने के बाद बहुत तेजी से आ रही थी। इसलिए कभी कभार आपको अपनी ‘वेरिएशन’ बदलनी पड़ती है और अगर आप इसे सही कर देते हो तो फिर इसे खेलना आसान नहीं होता।"

कुलदीप ने भी अपने साथियों की तरह स्वीकार किया कि वनडे विश्व कप के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार से उबरने में उन्हें कुछ समय लगा। उन्होंने कहा कि पहले सात से 10 दिन वास्तव में काफी मुश्किल थे। जब भी मैं जागता विश्व कप के फाइनल में हार के बारे में सोचता। लेकिन जिंदगी में बदलाव होता है और आगे बढ़ना होता है।

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