धोनी की बढ़ी मुश्किलें, कैट ने आम्रपाली मामले में कार्रवाई की मांग की

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि धोनी द्वारा आम्रपाली समूह को विज्ञापनों के माध्यम से समर्थन देने लोग आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए प्रभावित हुए।

By भाषा | Published: July 26, 2019 05:22 AM2019-07-26T05:22:26+5:302019-07-26T05:22:26+5:30

kat demanded illegal action against ms dhoni for supporting amrapali group | धोनी की बढ़ी मुश्किलें, कैट ने आम्रपाली मामले में कार्रवाई की मांग की

धोनी की बढ़ी मुश्किलें, कैट ने आम्रपाली मामले में कार्रवाई की मांग की

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Highlightsफॉरेंसिक ऑडिटरों ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि आम्रपाली समूह ने रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (आरएसएमपीएल) के साथ "बनावटी समझौते" किए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि आम्रपाली स्पायर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2009-15 के दौरान आरएसएमपीएल को कुल 42.22 करोड़ रुपये की राशि में से 6.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।

 व्यापारियों के प्रमुख संगठन कैट ने केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखकर आम्रपाली समूह को बढ़ावा देने वाले अपने विज्ञापन के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली समूह को विभिन्न अनियमितताओं के लिए दोषी पाया है और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।

फॉरेंसिक ऑडिटरों ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि आम्रपाली समूह ने रिति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड (आरएसएमपीएल) के साथ "बनावटी समझौते" किए थे। यह कंपनी भारतीय क्रिकेटर धोनी के ब्रांड को प्रमोट करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आम्रपाली स्पायर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 2009-15 के दौरान आरएसएमपीएल को कुल 42.22 करोड़ रुपये की राशि में से 6.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि धोनी द्वारा आम्रपाली समूह को विज्ञापनों के माध्यम से समर्थन देने लोग आम्रपाली परियोजनाओं में फ्लैट खरीदने के लिए प्रभावित हुए। चूंकि बिल्डर को इस मामले में दोषी पाया गया है, इसलिए धोनी की भी जवाबदेही बनती है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने पासवान से संसद के मौजूदा सत्र में उपभोक्ता सुरक्षा विधेयक पारित कराने की मांग की है। इससे मशहूर हस्तियों द्वारा भ्रामक समर्थन और विज्ञापनों से उपभोक्ताओं को प्रभावित होने से बचाया जा सकेगा। 

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