Jonathan Marc Bairstow: धर्मशाला में 100वां टेस्ट खेल इंग्लैंड के 17वें क्रिकेटर बनेंगे बेयरस्टो, कैंसर को मात देने वाली अपनी मां को उपलब्धि किया समर्पित

Jonathan Marc Bairstow: मां जेनेट ने दो बार स्तन कैंसर से जूझने के बावजूद परिवार को बिखरने नहीं दिया।

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 5, 2024 02:39 PM2024-03-05T14:39:09+5:302024-03-05T14:40:07+5:30

Jonathan Marc Bairstow will become 17th England cricketer to play his 100th test match in Dharamshala dedicated achievement to his mother who defeated cancer 100 caps | Jonathan Marc Bairstow: धर्मशाला में 100वां टेस्ट खेल इंग्लैंड के 17वें क्रिकेटर बनेंगे बेयरस्टो, कैंसर को मात देने वाली अपनी मां को उपलब्धि किया समर्पित

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Highlightsजब मैं खेलता हूं तो कई बार अपने पिता के बारे में सोचता हूं।इतना कुछ होने पर हम पर आंच नहीं आने दी।पिता और इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर डेविड ने आत्महत्या कर ली थी।

Jonathan Marc Bairstow: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में जोनाथन मार्क बेयरस्टो (जॉनी बेयरस्टो) कारनामा करने वाले हैं। इंग्लैंड के भारत दौरे के अंतिम मैच में जॉनी 100वां टेस्ट खेलेंगे और इंग्लैंड के 17वें खिलाड़ी हो जाएंगे। हाल ही में कप्तान बेन स्टोक्स भी इस लिस्ट में शामिल हुए थे। इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने यह उपलब्धि कैंसर को मात देने वाली अपनी मां को समर्पित की है जो कठिन समय में उनकी ताकत और परिवार को बांधने वाली शक्ति रही है। चौतीस वर्ष के बेयरस्टो सौ टेस्ट खेलने वाले इंग्लैंड के 17वें क्रिकेटर बन जायेंगे जो भारत के खिलाफ यहां होने वाले पांचवें और आखिरी टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल करेंगे। उन्होंने कहा ,‘जब मैं खेलता हूं तो कई बार अपने पिता के बारे में सोचता हूं।

लेकिन अब मां के बारे में ज्यादा सोचता हूं जिन्होंने इतना कुछ होने पर हम पर आंच नहीं आने दी। हमें एक परिवार के रूप में एकजुट रखा। वह मेरी ताकत रही है।’ बेयरस्टो जब आठ साल के थे तब उनके पिता और इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर डेविड ने आत्महत्या कर ली थी। उनकी मां जेनेट ने दो बार स्तन कैंसर से जूझने के बावजूद परिवार को बिखरने नहीं दिया।

इस क्रिकेटर ने कहा ,‘मेरी मां साहस का पर्याय रही है। उन्होंने तीन नौकरियां की क्योंकि उस समय दस वर्ष से कम उम्र के उनके दो बच्चे थे। वह मुझे लीड्स युनाइटेड से हेडिंग्ले (जहां वह युवा फुटबॉल खेलते थे) ले गई ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ वह दो बार कैंसर का शिकार हुई । वह काफी मजबूत हैं और दो बार कैंसर को मात देना उनके साहस की बानगी देता है।’

बेयरस्टो ने कहा कि वह अपने नायकों को देख देखकर बचपन से ही टेस्ट क्रिकेटर बनना चाहते थे। उन्होंने कहा ,‘मैं वनडे क्रिकेट देखकर बड़ा नहीं हुआ। मैंने टेस्ट क्रिकेट देखा है जो मेरे लिये सब कुछ था। मैंने माइकल वॉन, मार्कस ट्रेसकोथिक और केविन पीटरसन को खेलते देखा। मैं हेडिंग्ले में इंग्लैंड को इंडोर नेट अभ्यास करते देखता था और वोडाफोन ब्लू ट्रैकसूट मुझे बहुत लुभाते थे। मैं भी उस टीम का हिस्सा बनना चाहता था।’ उन्होंने कहा ,‘‘ यह जज्बाती हफ्ता रहने वाला है और मैं इसका पूरा मजा लूंगा।’

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