IPL 2020: बीसीसीआई फ्रेंचाइजियों को मुआवजा देने के मूड में नहीं, उसे उम्मीद, टीमें कमा सकती हैं 250 करोड़ रुपये

BCCI, IPL 2020: बीसीसीआई आईपीएल 2020 के लिए फ्रेंचाइजियों को मुआवजा देने के मूड में नहीं है, क्योंकि उसका मानना है कि टीम मालिक इस बार 250 करोड़ से ज्यादा कमा सकते हैं

By अभिषेक पाण्डेय | Published: August 08, 2020 12:15 PM

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ठळक मुद्देबीसीसीआई आईपीएल 2020 के लिए फ्रेंचाइजियों को मुआवजा देने के मूड में नहीं हैबीसीसीआई का मानना है कि आईपीएल के यूएई में आयोजन के बावजूद फ्रेंचाइजियां 250 करोड़ कमा सकती हैं

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल आईपीएल 2020 से पहले फ्रेंचाइजियों या हितधारकों को किसी भी तरह का मुआवजा देने के मूड में नहीं हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बोर्ड का मानना है कि 'अगर इस साल आईपीएल नहीं होता तो कोई भी कमाई नहीं होती। तो ये तथ्य कि इस साल आईपीएल होगा ये सुनिश्चित करता है कि लीग के हितधारक और एकदम राजस्व नहीं के मुकाबले कुछ राजस्व जरूर कमाएंगे।'

रिपोर्ट के मुताबिक, 'एक फ्रेंचाइजी ने सलाह दी थी कि बीसीसीआई को फ्रेंचाइजियों की कमाई से 20 फीसदी हिस्से को नहीं लेना चाहिए, जो कि वे हर सीजन में प्राप्त करने के लिए अनुबंधित हैं।'

आईपीएल फ्रेंचाइजियां चाहती हैं बीसीसीआई उनसे न ले 20 फीसदी रेवेन्यू

बीसीसीआई का पक्ष रखने वाले सूत्र ने कहा, 'वह 20%- सभी आठ फ्रेंचाइजियों की शीर्ष पंक्ति से - बीसीसीआई के सदस्यों के पास जाता है और राजस्व का हिस्सा होता है जो राज्य संघों पर निर्भर करता है।' हर साल एक आईपीएल मैच की मेजबानी के लिए संघ को मेजबानी फीस की तरह, फ्रेंचाइजी से 50 लाख रुपये और 50 लाख रुपये बीसीसीआई से मिलते हैं-कुल मिलाकर हर सीजन प्रत्येक आयोजन स्थल से 8 करोड़ और सभी फ्रेंचाजियों से 64 करोड़ रुपये मिलते हैं। अब क्योंकि इस साल का संस्करण यूएई शिफ्ट हो रहा है तो राजस्व पहले ही विंडो से बाहर है, इसलिए 20 फीसदी रहेगा।' 

इस रिपोर्ट के मुताबिक 13 राज्य संघों में से किसी ने भी इस विचार से असहमति नहीं जताई।

आईपीएल 2020: फ्रेंचाइजियों को 250 करोड़ कमाई की उम्मीद

तो अब सवाल ये है कि इस साल फ्रेंचाइजियों को कितनी कमाई होगी? 50 ब्रॉडकास्टर के 50 फीसदी रेवेन्यू के साथ-प्रति फ्रेंचाइजी 200 करोड़ रुपये, वीवो के अलावा आधिकारिक प्रायोजन, जो हर सीजन में करीब 200 करोड़ रुपये लाते हैं, जिसका मतलब है कि प्रत्येक फ्रेंचाइजी 12 करोड़ रुपये।'

साथ ही आईपीएल वीवो की जगह इस सीजन के लिए टाइटल स्पॉन्सर खोज रहा है। यहां तक कि अगर आने वाले साझेदार वीवो द्वारा दिए जाने वाले पैसे का 50% भी देते हैं, तो इसका मतलब है कि एक फ्रेंचाइजी 230 करोड़ तक कमाएगी।

उन्होंने कहा, 'साथ ही इसमें जर्सी स्पॉन्सरशिप और अन्य साझेदारों को जोड़ें तो फ्रेंचाइजियां 250 करोड़ रुपये से अधिक कमाने जा रही हैं।'

"खिलाड़ी की फीस और परिचालन लागत घटा दीजिए, फ्रेंचाइजी अभी भी एक महामारी के बीच में 100 करोड़ रुपये से अधिक कमाएंगी। अब, इसकी तुलना इस सीजन में आईपीएल नहीं होने से कैसे है?" 

टॅग्स :बीसीसीआईआईपीएल 2020इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल)

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