चेन्नई सुपरकिंग्स के कप्तान एमएस धोनी शुक्रवार को एक गेंद को नो बॉल न दिए जाने पर नाराजगी जताने के लिए बाउंड्री पार करके बीच मैदान में पहुंच गए और अंपायरों से बहस की।
चेन्नई की पारी के आखिरी ओवर में जब उसे जीत के लिए 18 रन की जरूरत थी तो बेन स्टोक्स की एक कमर से ज्यादा ऊंचाई की गेंद को अंपायर ने नो बॉल नहीं दिया था, जिस पर भड़कते हुए आउट होकर मैदान के बाहर जा चुके धोनी ने मैदान में पहुंचकर अंपायरों से बहस की।
इस घटना के बाद आचार संहिता के उल्लंघन के लिए धोनी पर उनकी मैच फीस का 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया। कई पूर्व क्रिकेटरों ने धोनी के इस व्यवहार की आलोचना करते हुए कहा है कि कैप्टन कूल को इस व्यवहार से बचना चाहिए था।
राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ नो बॉल विवाद ने दिए जाने से खफा होकर अपनी टीम की बैटिंग के दौरान आउट होने के बावजूद मैदान में पहुंचकर अंपायरों से बहस
पूर्व क्रिकेटरों ने की धोनी के व्यवहार की आलोचना
कई पूर्व क्रिकेटरों ने इस घटना के बाद एमएस धोनी के व्यवहार की आलोचना की थी। पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने कहा कि धोन लकी हैं कि बहुत कम जुर्माने के साथ छूट गए।
वहीं इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने कहा कि ये खेल के लिए अच्छा नहीं है और किसी कप्तान के लिए डगआउट से पिच पर चले जाना अच्छी बात नहीं है।
वहीं पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने भी धोनी के इस व्यवहार पर आपत्ति जताते हुए कहा कि विपक्षी कप्तान को कई अधिकार नहीं है कि वह आउट होने के बाद पिच पर जाएं।
चर्चित कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भी धोनी के इस व्यवहार पर हैरानी जताते हुए कहा कि धोनी के मैदान पर जाने की पहली घटना उन्होंने देखी है।
चेन्नई ने आखिरी गेंद पर मिशेल सैंटनर द्वारा लगाए गए छक्के की मदद से इस मैच में राजस्थान पर 4 विकेट से रोमांचक जीत हासिल की थी।
इसके साथ ही चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम ने 7 मैचों में 6 जीत के साथ पॉइंट्स टेबल के टॉप पर अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है।